बीहट के 162 बच्चे कुल 17 विधाओं के जिला स्तर की प्रतिस्पर्धा में अपना कौशल दिखाएंगे

छात्र जीवन में खेलों का महत्व सिर्फ़ हमारे फिटनेस के लिए ही सीमित नहीं है बल्कि ये हमारे सामान्य जीवन शैली को भी प्रभावित करते हैं – एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक एचआर, आर एंड आर केसरी नन्दन मिश्र

डीएनबी भारत डेस्क

‘खेलेंगे-जीतेंगे’ के संकल्प घोष के साथ आज से शुरू हो रहे स्कूली खेलों के महाकुंभ ‘नेशनल स्कूल गेम 2023-24’ में मध्य विद्यालय बीहट के 162 बच्चे कुल 17 विधाओं के  जिला स्तर की प्रतिस्पर्धा में अपना कौशल दिखाएंगे । रविवार को मध्य विद्यालय बीहट के स्पोर्ट्स ग्राउंड में प्रतिभागी बच्चों और उनके प्रशिक्षकों के ज्वाइंट डेमोस्ट्रेटिव मार्च पास्ट की प्रस्तुति, एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक एचआर, आर एंड आर केसरी नंदन मिश्र, तेघड़ा विधायक रामरतन सिंह, विद्यालय के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार एवम वरिष्ठ स्नातक शिक्षक व को-क्युरीकुलम एक्टिविटी को – ऑर्डिनेटर अनुपमा सिंह के समक्ष किया गया ।

प्रतिभागी बच्चों और प्रशिक्षकों का हौसला अफजाई करते हुए एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक एचआर, आर एंड आर केसरी नन्दन मिश्र ने कहा कि छात्र जीवन में खेलों का महत्व सिर्फ़ हमारे फिटनेस के लिए ही सीमित नहीं है बल्कि ये हमारे सामान्य जीवन शैली को भी प्रभावित करते हैं । इसका सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि हम खेलों के बहाने ख़ाली समय का भी उत्पादक उपयोग सुनिश्चित करते हैं । यह न  केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी काफी बेहतर बनाने में मदद करता है। खेलों में भाग लेने से हमारे अंदर ऐसी आवश्यक क्षमताएं विकसित होती हैं जो जीवन के सभी उतार-चढ़ावों से जूझने और उबरने में हमारे लिए काफी मददगार होती हैं ।

वहीं तेघड़ा विधायक रामरतन सिंह ने बच्चों के समग्र विकास को केंद्रित विद्यालय प्रशासन के प्रयत्नों की सराहना करते हुए कहा कि विगत 8 वर्षों से लगातार इस विद्यालय के बच्चे, शिक्षा के साथ नाटक, नृत्य, हस्तशिल्प, मधुबनी पेंटिंग, सृजनात्मक लेखन, विचार अभिव्यक्ति, मॉडल प्रेजेंटेशन आदि शैक्षणिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों सहित दर्जनों एकल और दलीय खेल में भी स्थानीय जिला से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। 17 खेल विधाओं में 162 बच्चों की भागीदारी और सभी विधाओं में बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के मैडल विजेता प्रशिक्षकों की व्यवस्था एक विद्यालय स्तर पर किया जाना वह भी सरकार से बिना किसी प्रकार के सहयोग के ये भी अपने आपमें किसी कीर्तिमान से कम नहीं है ।

हमारी शुभकामनाएं हैं कि इस बार भी बच्चे नेशनल स्कूल गेम्स में  सभी स्तर पर अधिक से अधिक मैडल जीतकर इस विद्यालय की हासिल प्रतिष्ठा को बरकरार रखेंगे तथा अपने शिक्षकों, प्रशिक्षकों के साथ अपने माता पिता और गांव-समाज की प्रतिष्ठा बढ़ाने का भी काम करेंगे । विद्यालय के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार ने कहा कि एक उत्कृष्ट विद्यालय प्रशासन के लिए यह अत्यावश्यक पहल मानी जानी चाहिए कि वहां पाठ्यचर्या और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों के बीच सही संतुलन रखा जाए । हमें खुशी है कि हमारी स्वीकृत सभी शिक्षा नीतियों और पाठ्यचर्या की रूपरेखाओं में पूर्व से ही  छात्रों के लिए खेलों के महत्व को काफी गंभीरता के साथ स्वीकार किया गया है ।

हमारे देश की सरकारी शिक्षण व्यवस्था में एक सुनियोजित पाठ्यक्रम के साथ छात्रों के लिए खेल और शिक्षा के इस संतुलन को विकसित करने पर लगातार काफी काम हो रहे हैं ताकि निकट भविष्य में खेल और शारीरिक शिक्षा के सभी जरूरी आयामों के साथ हमारी शिक्षा प्रणाली को समग्रता में मजबूती मिल सके । वरिष्ठ स्नातक शिक्षक व को-क्युरीकुलम एक्टिविटी को – ऑर्डिनेटर अनुपमा सिंह ने प्रतिभागी बच्चों में उत्साह भरते हुए कहा कि हमें मिलकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए काम करना चाहिए, हम खेलेंगे जीतने के लिए या फिर नए अनुभव सीखने के लिए ।

खेल  के मैदान में मनोयोग से खेलने वाला खिलाड़ी कभी नहीं हारता । डेमोस्ट्रेटिव मार्चपास्ट में बॉल बैडमिंटन सहित एथलेटिक्स विधा के प्रशिक्षक, नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट विकास कुमार,  कुश्ती प्रशिक्षक नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट हीरा कुमार और जूही कुमारी, हैंडबॉल प्रशिक्षक नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट कुंदन कुमार, पतंजलि योग पीठ से प्रशिक्षित योग ट्रेनर तनीषा कुमारी, श्याम कुमार और राशि कुमारी तथा शिक्षक प्रीति कुमारी सहित कई स्थानीय अभिभावक और खेल प्रेमी उपस्थित थे ।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

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