सोनसा गांव में जन्माष्टमी पर दिखी गंगा-जमुनी तहज़ीब।राजद नेत्री आयशा फातिमा ने की श्रीकृष्ण की पूजा, दिया इंसानियत और एकता का संदेश
डीएनबी भारत डेस्क

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर नालंदा जिला आस्था और आस्था की अनूठी मिसाल बना रहा। देर रात तक शहर से लेकर गांव तक ठाकुरबाड़ियों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। “हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैया लाल की” जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा।बिहारशरीफ के गढ़पर स्थित 400 साल पुराने ठाकुरबाड़ी मंदिर में देर रात तक भक्त भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना में लीन दिखे।
इसी कड़ी में रहुई प्रखंड के सोनसा गांव में गंगा-जमुनी तहज़ीब की अद्भुत झलक देखने को मिली। यहां समाजसेवी यासिर इमाम, राजद नेत्री आयशा फातिमा समेत कई अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ठाकुरबाड़ी पहुंचकर जन्माष्टमी पूजा में शामिल हुए। खास बात यह रही कि राजद नेत्री आयशा फातिमा ने परंपरागत तरीके से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना भी की। इस मौके पर उन्होंने कहा “हम सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं।
यही हमारे हिंदुस्तान की असली खूबसूरती है कि यहां हर धर्म और समुदाय के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। यह उन लोगों के लिए बड़ा संदेश है जो देश को धर्म और जाति के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं। चाहे सनातन हो या इस्लाम कोई भी धर्म बांटने या हिंसा की शिक्षा नहीं देता। सबसे ऊपर इंसानियत और मानवता है।”इस तरह जन्माष्टमी के अवसर पर नालंदा ने न सिर्फ आस्था का जश्न मनाया बल्कि सामाजिक एकता और सौहार्द्र का भी मजबूत संदेश दिया।
डीएनबी भारत डेस्क