32 दिनों तक चलने वाला यह मेला विश्व स्तर पर अपनी संस्कृतिक एवं विभिन्न कार्यक्रमों व बाजार के लिए है प्रसिद्ध ।
डीएनबी भारत डेस्क
हरिहर क्षेत्र मेला के नाम से प्रसिद्ध एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हर साल सोनपुर में लगता है। यह मेला विशेष रूप से ठंड की शुरूआती दिनों में लगती है और लगभग एक महीने के आस- पास हाजीपुर में लगने वाले इस मेला में देश विदेश के लोग पहुंचते हैं। ऐसे में इस बार सोनपुर मेले की शुरुआत 25 नवंबर से होने जा रही है। यह मेला एक महीने यानी 26 दिसंबर तक रहेगा। मेला का उद्घाटन दिनांक 25 नवंबर को होगा। इस दौरान बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ओर कला संस्कृति मंत्री जितेंद्र कुमार राय मौजूद होंगे।
बताते चलें कि, ये मेला जंगी हाथियों का सबसे बड़ा केंद्र था। मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य, मुगल सम्राट अकबर और 1857 के गदर के नायक वीर कुंवर सिंह ने भी से यहां हाथियों की खरीद की थी। वर्ष 1803 में रॉबर्ट क्लाइव ने सोनपुर में घोड़े के बड़ा अस्तबल भी बनवाया था। एक दौर में सोनपुर मेले में नौटंकी की मल्लिका गुलाब का जलवा हुआ करता था जिसे देखने देश विदेश से लोग आया करते थे।
बताते चलें कि विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर पशु मेला को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयारी शुरू कर दी गयी है। जिलाधिकारी अमन समीर के द्वारा विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला-2023 के शातिपूर्ण एवं सफल आयोजन हेतु गठित कोषांगों के पदाधिकारीगणों के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक आहूत की गयी। जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला-2023 का आयोजन पर्यटन विभाग बिहार, पटना एवं जिला प्रशासन सारण द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा से लगने वाला मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हैं। इस मेले को ‘हरिहर क्षेत्र मेला’ के नाम से भी जाना जाता है। जबकि स्थानीय लोग इसे छत्तर मेला कहते हैं। यूं तो इस मेले की पहचान पशु-पक्षियों की बिक्री के लिए जाना जाता है कि लेकिन साल 2003 में पशु-पक्षियों की खरीद-बिक्री पर लगी रोक के बाद इस मेले की स्वरूप बदलता चला गया। अब मेले की पहचान थियेटर के रूप में की जाने लगी है।