84 लाख योनियों में इस मानव को सर्वोपरि कहा गया है,मानव तन सार्थकता केवल कर्म पर निर्भर करता है-स्वामी चिदात्मन जी महाराज

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय/सिमरिया-श्रेष्ठ व्यक्ति अपने वर्तमान को और अपने अतीत को भूलता नहीं है। संसार दो भागों में बंटा है एक पुण्यात्मा एक पापात्मा, सबों को इस संसार से एक न एक दिन जाना ही है और इसी सप्ताह  के सातों दिन में सबका आना और जाना है। याद रखें जिनका जीवन सदा ही परमार्थ में लगा रहता है, उससे बड़ा बड़भागी इस संसार में कोई नहीं हो सकता और इसमें भी इस पुनीत महीना में इस पुण्यक्षेत्र में जो परमार्थ नहीं किया है उनका जीवन तो व्यर्थ है।

इसलिए अपने आप को सदा परमार्थ में लगाना चाहिए। कहा गया है कि जो कोई भी दूसरे के धन और दूसरे के स्त्री पर नजर रखता है उसके सातों जन्म का पुण्य नष्ट हो जाता है। और जो कोई भी पराई स्त्री को मां और बहन के समान समझता है, परायी स्त्री पर दृष्टि नहीं डालता वह सदा विजयी कहलाता है। इसलिए इस धरा धाम पर सबको एक न एक दिन आना है और एक न एक दिन जाना है ।

इस 84 लाख योनियों में इस मानव को सर्वोपरि कहा गया है मानव तन सार्थकता केवल कर्म पर निर्भर करता है वह अपने कर्म के बदौलत तन को और मन को  सार्थक करते हैं।सर्वमंगला सिद्धाश्रम सिमरिया धाम के व्यवस्थापक, महासचिव राजकिशोर प्रसाद सिंह, सचिव दिनेश प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष नवीन प्रसाद सिंह,

मीडिया प्रभारी नीलमणि, अमरेंद्र कुमार, कौशलेंद्र कुमार, उषा रानी, सुशील चौधरी, सुरुचि देवी अरुण देवी शकुंतला देवी, संयुक्ता देवी रंजना देवी, रेणु देवी सोनी देवी मीरा,देवी द्रौपदी देवी,बच्ची देवी, सुधीर चौधरी, पटेल सिंह, तरूण सिंह, निपेंद्र सिंह, सुदर्शन सिंह, मनीष कुमार सिद्धाश्रम के आचार्य नारायण झा,दिनेश झा,राजेश झा,रमेश झा सहित अन्य उपस्थित थे।

बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट

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