सुमित कुमार लोहिया नगर थाना क्षेत्र के पन्हास का रहने वाला था।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय से इस वक्त की बड़ी और सनसनी खेज खबर सामने आ रही है, जहां मोबाइल दुकानदार सुमित कुमार का शव सातवें दिन गंडक नदी से पुलिस ने बरामद कर लिया है। शव मिलने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है, जबकि परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

मृतक सुमित कुमार लोहिया नगर थाना क्षेत्र के पन्हास का रहने वाला था। इस घटना को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। युवा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष गौरव सिंह राणा ने बढ़ते अपराध को लेकर अपनी ही सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि जब से गृह मंत्रालय सम्राट चौधरी को मिला है, तब से अपराधी बेलगाम हो गए हैं। पूरे बिहार में अपराधी नंगा नाच कर रहे हैं। सम्राट चौधरी से गृह मंत्रालय संभल नहीं रहा है, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। जब तक गृह मंत्रालय नीतीश कुमार के हाथ में था, तब तक बिहार में इतनी हत्याएं नहीं होती थीं।घटना के बाद से परिजन लगातार पुलिस पर दबाव बनाते रहे, लेकिन कई दिनों तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आ सका।
बताया जा रहा है कि 23 दिसंबर की रात मामूली विवाद को लेकर अपराधियों ने सुमित कुमार का अपहरण कर लिया था। इसके बाद उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर शव को गंडक नदी में फेंक दिया गया। घटना के बाद परिजनों और पुलिस द्वारा लगातार खोजबीन की जा रही थी, लेकिन कई दिनों तक सुमित कुमार का कोई सुराग नहीं मिल सका। इसी दौरान पुलिस ने हत्या के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने हत्या की बात कबूल की और उसकी निशानदेही पर गंडक नदी में शव की तलाश की जा रही थी।
आज चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के बसही गंडक नदी घाट से सुमित कुमार का शव पुलिस ने बरामद किया। जानकारी के मुताबिक 23 दिसंबर की रात चार अपराधी एक स्कॉर्पियो गाड़ी से सुमित कुमार के घर के सामने पहुंचे और जबरन उसका अपहरण कर लिया। अपहरण की पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि उजाले रंग की गाड़ी से उतरे चारों अपराधी सुमित कुमार के साथ मारपीट करते हुए जबरन उसे गाड़ी में बैठाकर ले जाते हैं। सुमित कुमार लगातार विरोध करता रहा, लेकिन अपराधियों ने बेरहमी से उसकी पिटाई कर अपहरण कर लिया।
बताया जा रहा है कि उसी रात सुमित कुमार की हत्या कर दी गई और शव को गंडक नदी में फेंक दिया गया। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि तीन अन्य आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि थाना से महज आधा किलोमीटर की दूरी से अपहरण की वारदात को अंजाम दिया गया और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।अब शव बरामद होने के बाद पुलिस की कार्यशैली और कानून-व्यवस्था को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
डीएनबी भारत डेस्क
