नालंदा में सहकारी बैंक बना राजनीति का अखाड़ा, सुरक्षा और नियमों पर उठे प्रश्न
डीएनबी भारत डेस्क

नालंदा जिले के हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को मजबूत करने के उद्देश्य से कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इन बैठकों के दौरान विधायक अपने-अपने शक्ति प्रदर्शन में भी जुटे हैं, ताकि यह दिखा सकें कि उनके समर्थन में कितने सक्रिय कार्यकर्ता हैं जो एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए तन-मन-धन से तैयार हैं।
बिहारशरीफ, इस्लामपुर और राजगीर विधानसभा क्षेत्र में विधायक ऐसे सम्मेलन कर चुके हैं, जबकि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में यह आयोजन अभी बाकी है।इसी क्रम में अस्थावां विधानसभा का एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी को लेकर नालंदा कोऑपरेटिव बैंक परिसर में बैठक की गई। इसको लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि बैंक परिसर जैसे सरकारी संस्थान में राजनीतिक दल की बैठक आयोजित करना नियमों की अनदेखी है।
साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या इसके लिए बैंक के वरीय पदाधिकारियों से अनुमति ली गई थी, या फिर सत्ता पक्ष के दबदबे के कारण नियमों की परवाह नहीं की गई। बैंक परिसर में हुई बैठक ने न केवल नियमों की अनुपालना पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि बैंक की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर चिंताएं सामने आई हैं।सहकारी बैंक में राजनीतिक बैठक करने का कोई प्रत्यक्ष “तरीका” नहीं है, क्योंकि यह बैंकिंग नियमों का उल्लंघन हो सकता है।
डीएनबी भारत डेस्क