बेगूसराय: ‘धरती के भगवान’ बने पत्थर दिल ! मंत्री और DM के आदेश को डॉक्टर ने दिखाया ठेंगा, शव लेकर भटकते रहे परिजन

DNB Bharat Desk

बेगूसराय से इस वक्त की बड़ी और शर्मनाक खबर सामने आ रही है, जहां सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही खुलेआम सामने आई है। सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले मासूम बच्चे के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को घंटों तक अस्पताल में भटकना पड़ा।नावकोठी थाना क्षेत्र के रहने वाले रणवीर यादव के पुत्र आयांश कुमार को तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने कुचल दिया था, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।

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परिजन मासूम का शव लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां डॉक्टरों की लापरवाही और उदासीनता ने उनकी पीड़ा और बढ़ा दी। परिजनों के अनुसार, पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर कृष्ण मुरारी से कहा गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आदेश लेकर आइए, तभी पोस्टमार्टम होगा।इसपर परिजनों ने मजबूरी में गन्ना मंत्री सह बखरी विधायक संजय पासवान को फोन किया। मंत्री ने तुरंत डीएम को निर्देश दिया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि डीएम का आदेश आने के बावजूद भी डॉक्टर ने पोस्टमार्टम करने से इनकार कर दिया।

बेगूसराय: 'धरती के भगवान' बने पत्थर दिल ! मंत्री और DM के आदेश को डॉक्टर ने दिखाया ठेंगा, शव लेकर भटकते रहे परिजन 2डॉक्टर ने कहा अब पोस्टमार्टम नहीं होगा, रात 8 बजे के बाद आने वाला डॉक्टर करेगा।”और इतना कहकर वह अस्पताल छोड़कर चला गया।इसके बाद परिजन ठंड में करीब दो घंटे तक इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन किसी ने उनकी सुनवाई नहीं की। थक-हारकर परिजनों ने दोबारा मंत्री संजय पासवान को फोन किया। इसके बाद फिर से डीएम और सिविल सर्जन को कॉल गया, तब जाकर कई घंटे बाद मासूम का पोस्टमार्टम किया गया।परिजनों का आरोप है कि सरकार भले स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बताती हो, लेकिन सत्य यह है कि यहां मंत्री का आदेश भी नहीं माना जाता।

बेगूसराय: 'धरती के भगवान' बने पत्थर दिल ! मंत्री और DM के आदेश को डॉक्टर ने दिखाया ठेंगा, शव लेकर भटकते रहे परिजन 3आम और गरीब लोगों की कहीं सुनवाई नहीं होती।।घटना के बाद अस्पताल प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं और लोगों में भारी नाराज़गी है। घंटों की देरी, आदेशों की अनदेखी और दुखी परिजनों की मजबूरी ने स्वास्थ्य सिस्टम की पोल फिर एक बार खोलकर रख दी है।

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