बेगूसराय कोर्ट का फैसला, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को एक साल और भाजपा नेता राम लखन सिंह को चार साल का कारावास

DNB Bharat Desk

बेगूसराय में एमपी एमएलए कोर्ट ने 33 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया है। जबकि पुलिस की टीम पर हमले किए जाने के मामले में बेगूसराय कोर्ट में फैसला सुनाया है। इस मामले में बाहुबली को सांसद सूरजभान सिंह को एक साल और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सह भाजपा नेता राम लखन सिंह समेत दो आरोपियों को चार-चार साल का कारावास की सजा सुनाई गई है। एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार ने यह फैसला सुनाया है।

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इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को 1 साल का एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता सह पूर्व जिला अध्यक्ष राम लखन सिंह को 4 साल और वीरेंद्र ईश्वर सोशल सिंह को 4 साल की सजाई सुनाई गई है। इस मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को 1 साल की सजा होने की वजह से जमानत मिल गई है जबकि भाजपा नेता राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को जेल भेज दिया गया है। वहीं जेल जाने के बाद अचानक भाजपा के वरिष्ठ नेता राम लखन सिंह का तबियत बिगड़ गया है। वही रामलखन सिंह को  खराब तबीयत और लगातार हो रहे डायलिसिस को देखते हुए मंगलवार देर रात सदर अस्पताल, बेगूसराय में भर्ती कराया गया।

बेगूसराय कोर्ट का फैसला, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को एक साल और भाजपा नेता राम लखन सिंह को चार साल का कारावास 2जानकारी के अनुसार, बरौनी थाना कांड संख्या 406/92 में दोषसिद्ध होने के बाद अदालत ने उन्हें सजावार किया है। जेल अधीक्षक द्वारा सूचना देने पर अस्पताल पहुंचकर स्वास्थ्य की जानकारी ली गई। डॉक्टरों ने उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए आईसीयू में भर्ती किया और विशेष इलाज की व्यवस्था की। इसी मामले में पूर्व सांसद सुरजभान सिंह को धारा 353 के तहत एक वर्ष की सजा हुई, जिसके कारण उन्हें जमानत मिल गई। जबकि रामलखन सिंह को सत्र वाद संख्या 375/93 में विशेष न्यायालय एडीजे-2 ने अलग-अलग धाराओं में सज़ा सुनाई है—

बेगूसराय कोर्ट का फैसला, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को एक साल और भाजपा नेता राम लखन सिंह को चार साल का कारावास 3धारा 307 (जानलेवा हमला) – 4 साल,धारा 353 (सरकारी काम में बाधा) – 1 साल,शस्त्र अधिनियम धारा 25(1-b) – 2 साल,शस्त्र अधिनियम धारा 26 व 27 – 3-3 साल ,यह वही प्रकरण है जिसमें अपराधियों और पुलिस गठजोड़ के हमले का शिकार खुद रामलखन सिंह हुए थे। लेकिन बचाव के दौरान उन्हीं पर मुकदमा कर दिया गया था। भाजपा कार्यकर्ता इस पूरे मामले को राजनीतिक संघर्षकाल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना मानते हैं।रामलखन सिंह का राजनीति में लंबा और संघर्षपूर्ण सफर रहा है।

बेगूसराय कोर्ट का फैसला, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को एक साल और भाजपा नेता राम लखन सिंह को चार साल का कारावास 4वर्ष 1996 में उन्होंने बलिया लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और भाकपा उम्मीदवार शत्रुघ्न प्रसाद सिंह से हार गए। हालांकि उन्हें 1 लाख 80 हजार से अधिक वोट मिले थे।उन्होंने मटिहानी से एक बार, बरौनी से चार बार और बछवारा से एक बार चुनाव लड़ा। हालांकि बछवारा में उनका नामांकन रद्द हो गया था। वे दो बार भाजपा जिला अध्यक्ष रहे और पार्टी संगठन में प्रदेश मंत्री के पद पर भी कार्य किया।बेगूसराय भाजपा के शुरुआती दिनों में संगठन खड़ा करने और पार्टी को जन-जन तक पहुंचाने में रामलखन सिंह की अहम भूमिका रही है। पार्टी कार्यकर्ता आज भी उनके संघर्ष और योगदान को याद करते हैं।

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मिली जानकारी के घटना 9 अक्टूबर 1992 की है, जब मोम फैक्ट्री में कुछ बदमाशों के हथियार के साथ छिपे होने की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी। तब बदमाशों ने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी थी। मौके से पुलिस ने राम लखन सिंह और वीरेंद्र ईश्वर को अरेस्ट किया था। जबकि सूरजभान सिंह मौके से फरार हो गया था। तब एफसीआई थाने में तैनात दारोगा उमाशंकर सिंह ने केस दर्ज कराया था। एक दर्जन लोगों की गवाही के बाद तीनों को एमपी एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।

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