बछवाड़ा प्रखंड के चिरंजीवीपुर के राशन डीलर पर खाद्यान्न गबन और ई-पॉस मशीन नहीं लौटाने पर एफआईआर दर्ज

DNB Bharat Desk

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प्रखंड बछवाड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायत चिरंजीवीपुर के जन वितरण प्रणाली विक्रेता जितेन्द्र कुमार झा पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनका लाइसेंस रद्द कर दिया है। अनुमंडल पदाधिकारी, तेघड़ा के बार-बार निर्देशों के बावजूद जब विक्रेता ने सुधारात्मक कदम नहीं उठाए और वितरण में अनियमितता बरकरार रखी, तो यह कठोर कार्रवाई की गई। अब उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर दी गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जितेन्द्र कुमार झा (अनुज्ञप्ति– BACH-01/2021, FPS ID – 122200500072), द्वारा अप्रैल 2025 माह में 23.88 क्विंटल चावल एवं 78.12 क्विंटल अन्य खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया, जो स्पष्ट रूप से खाद्यान्न गबन का मामला बनता है। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, बछवारा की जांच रिपोर्ट में यह तथ्य स्पष्ट रूप से सामने आया कि उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध नहीं कराया गया, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में इसका उठाव दर्ज था।

इतना ही नहीं, डीलर द्वारा ई-पॉस मशीन एवं मशीन सेट भी विभाग को अब तक वापस नहीं किया गया है, जिसके कारण अस्थायी रूप से नामित किए गए डीलर द्वारा वितरण कार्य प्रभावित हुआ। यह न केवल तकनीकी असावधानी है, बल्कि सरकार द्वारा प्रदत्त संसाधनों के अवैध उपयोग का मामला भी बनता है।

प्रशासन द्वारा गठित टीम ने स्थल निरीक्षण कर यह भी पाया कि राशन सामग्री को वितरण स्थल या गोदाम पर नहीं रखा गया था, जिससे स्पष्ट होता है कि खाद्यान्न का गोपनीय गबन कर लिया गया।

अनुमंडल पदाधिकारी, तेघड़ा के आदेश तथा अन्य संबंधित पत्रों के आलोक में डीलर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, बछवाड़ा द्वारा, मंसूरचक थाने में FIR दर्ज कराया गया है।

इस बीच, डीलर विभा कुमारी को अस्थायी रूप से जन वितरण प्रणाली का कार्यभार सौंपा गया है, जिससे उपभोक्ताओं को सुविधा में कोई बाधा न आए।

एसडीएम श्री राकेश कुमार

सरकारी अनुदानित राशन गरीबों और वंचितों के लिए है। इसमें किसी प्रकार की अनियमितता को सख्ती से रोका जाएगा। सभी डीलरों को यह चेतावनी दी जाती है कि यदि वितरण में गड़बड़ी या लापरवाही पाई गई तो कठोर कार्रवाई तय है।”

सरकारी राशन कार्डधारी लाभुकों से अपील है कि,यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता दिखाई दे, तो इसकी सूचना स्थानीय प्रखंड या अनुमंडल कार्यालय को दें।हर लाभुक का अधिकार सुरक्षित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।”

प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि जन वितरण प्रणाली में किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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