भिखारी ठाकुर की अमर कीर्ति गंगा स्नान नाटक में प्रस्तुत संगीत ने लोगों पर अमिट छाप छोड़ी

DNB BHARAT DESK

बेगूसराय जिले के बीहट में पांच दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के प्रथम दिन भिखारी ठाकुर की अमर कीर्ति गंगा स्नान नाटक में संगीत ने लोगों पर अमिट छाप छोड़ी।मध्य विद्यालय बीहट के मंच से आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन बरौनी की ओर से गणेश कुमार के निर्देशन में नाटक गंगा स्नान की प्रस्तुति की गयी।रंगमंच के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का दिल जीत लिया। बड़ी संख्या में मंचन को देखने आए लोग काफी गदगद हो गए। गंगा स्नान नाटक का मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो गये। गंगा स्नान नाटक के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया कि माता -पिता के सेवा से बढ़ कर दुनियां में कुछ भी नही है।

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भिखारी ठाकुर की अमर कीर्ति गंगा स्नान नाटक में प्रस्तुत संगीत ने लोगों पर अमिट छाप छोड़ी 2वही परिवार सुखी रहता है जो अपने बुजुर्गो का सम्मान करता है। नाटक के कई दृश्य देखकर दर्शकों की आंखों से आंसू निकल पड़े। वहीं विशेष पुरुस्कार से सम्मानित किए गए । जिसमें आकाश गंगा रंग चौपाल द्वारा बरौनी द्वारा आर टी राजन राष्ट्रीय रंग सम्मान 2025 से वरिष्ठ रंगकर्मी संजय उपाध्याय को सम्मानित किया गया। वहीं शंभू साह स्मृति रंग कीर्ति सम्मान लोक कवि सचिदानन्द पाठक और कीर्तन सम्राट बिंदेश्वरी सिंह लोक सम्मान लक्ष्मी प्रसाद यादव को दिया गया। वहीं इस अवसर पर शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि दी गयी।इस अवसर पर समाजसेवी निलेश सिंह  डिया, संजय कुमार ललन, श्याम नंदन सिंह पन्नालाल, उपमुख पार्षद ऋषिकेश कुमार, मनीष कुमार, अंकित कुमार सहित अन्य थे।

भिखारी ठाकुर की अमर कीर्ति गंगा स्नान नाटक में प्रस्तुत संगीत ने लोगों पर अमिट छाप छोड़ी 3वहीं इसके पूर्व नाट्य महोत्सव सह राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन पद्मश्री सुधा वर्गीज, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से पुरुस्कृत संजय उपाध्याय, नगर निगम की महापौर पिंकी देवी, पूर्व महापौर संजय कुमार, पूर्व विधान पार्षद भूमिपाल राय, एसबीएसएस प्रधानाचार्य अवधेश कुमार सिंह, डॉ शशिकांत पांडेय, शिवप्रकाश भारद्वाज, लोककवि सचिदानन्द पाठक, बिहार इप्टा के अध्यक्ष अमरनाथ सिंह, एनटीपीसी के डीएस कुमार, कला समीक्षक सुमन के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमर ज्योति, स्वागत भाषण गणेश कुमार और संचालन डॉ कुन्दन कुमार द्वारा किया गया। वहीं अनुभवी कलाकरों की प्रतिभा ने मन मोहा। नाटक में भिखारी ठाकुर ने आज के परिवार में उपेक्षित बुजुर्गो और ठग धर्मचार्यो को मुद्दा बनाया है।

भिखारी ठाकुर की अमर कीर्ति गंगा स्नान नाटक में प्रस्तुत संगीत ने लोगों पर अमिट छाप छोड़ी 4मां की चरित्र में आंचल कुमारी, मुख्य चरित्र मलेछू की भूमिका में बलिराम बिहारी ने दर्शकों को रंगमंच के अपने अनुभवो से मोह लिया। मलेछू बो की भूमिका में युवा रगकर्मी साक्षी कुमारी ने दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। मां का इनर वाहयरूप में अंजली कुमारी, दोस्त एवं चेला राजू कुमार, साधु महात्मा में अंकित राज और कोरस में अंजलि, निधि, नैना, खुशी, अभिलाषा, पल्लवी, प्रियदर्शनी, अनिमेष, निखिल, लाल बिहारी, महेश की भूमिका रही। वहीं संगीत पर मुख्य स्वर पर आनंद कुमार और अंजली कुमारी, ढोलक पर दिनेश दीवाना, तबला पर संतोष कुमार, नगाड़ा पर राजीव पासवान और प्रकाश परिकल्पना रवि वर्मा का था।

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