हाजीपुर ,मुज़फ़्फ़रपुर एवं बरौनी में बेस कीचेन की सुविधा, सीनियर डीसीएम श्री रौशन कुमार द्वारा हाजीपुर,मुज़फ़्फ़रपुर एवं बरौनी बेस किचन का किया गया निरीक्षण
डीएनबी भारत डेस्क
चाहे आप अकेले यात्रा कर रहे हों या सपरिवार हों या फिर नवरात्री हो या सावन मास और घर का बना खाना साथ ले जाने के लिए समय और ऊर्जा निकालना आपके लिए एक कठिन कार्य लग रहा है,तो टेंशन न ले क्योंकि अब यात्रियों को ट्रेनों के पेंट्रीकार से बेस किचन में निर्मित भोजन, घर के खाना का अनुभव प्रदान करेगी।
ट्रेनों एवं प्लेटफॉर्मों पर खानपान की व्यवस्था मे गुणवत्ता के साथ पारदर्शिता लाने हेतु सोनपुर मंडल में आधुनिक खाना पकाने के उपकरणों से सुसज्जित बेस किचन का प्रावधान किया गया है । वर्तमान में हाजीपुर मुज़फ़्फ़रपुर एवं बरौनी में बेस किचन की सुविधा दी गई है ।
हाजीपुर में 04 , मुज़फ़्फ़रपुर में 03 एवं बरौनी में 03 बेस किचन स्थापित किए गए हैं । फ़िलहाल वैशाली एक्सप्रेस एवं बिहार सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस में हाजीपुर बेस किचन से तैयार भोजन यात्रियों को उपलब्ध कराया जा रहा है । बीते दिनों सीनियर डीसीएम श्री रौशन कुमार द्वारा हाजीपुर,मुज़फ़्फ़रपुर एवं बरौनी बेस किचन का निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण के दौरान उन्होंने तय मानक के अनुसार सभी चीज़ों को व्यवस्थित करने का निर्देश दिये।
बेस किचन क्या हैं
यह एक सेंट्रलाइज्ड सीसीटीवी कैमरा युक्त किचन यूनिट है ,इसके अंतर्गत आईआरसीटीसी द्वारा खाना पकाने और पैकिंग की सुविधा होती है, जहां से भोजन तैयार किया जाता है और ट्रेनों में आपूर्ति की जाती है। पेंट्रीकार में उसे गर्म रखने और सर्विस देने की सुविधा रहेगी।
इसके अलावा, बेस किचन से आपूर्ति किए जाने वाले भोजन पैकेटों पर क्यूआर कोड की सुविधा भी धीरे-धीरे लागू की जा रही है।बेस किचन से यात्रियों को सीधे तौर पर भोजन की बिक्री नहीं की जाएगी।
बेस किचन की विशेषताये
परिसर को साफ रखना और नियमित रूप से कीट नियंत्रण करना। खाना पकाने के लिए पीने योग्य पानी का उपयोग करना तथा गर्म भोजन को 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तथा ठंडे भोजन को 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना। शाकाहारी और मांसाहारी भोजन को अलग-अलग कुक करना और स्टोर करना साथही शाकाहारी और मांसाहारी खाद्य पदार्थों के लिए अलग-अलग चाकू, चॉपिंग बोर्ड का उपयोग करना ।
रोटी बनाने के लिए रोटी मेकर मशीन का उपयोग करना। साफ और अलग डस्टर का उपयोग करना तथा खाद्य अपशिष्ट के लिए अलग और ढके हुए डस्टबिन रखना इत्यादि शामिल है।
इन सबके अलावा यह भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के स्वच्छता नियमों का भी पालन करता है।
नई व्यवस्था के तहत अब एक रूट की 05 से 10 ट्रेनों का एक समूह बनाया गया है। इन ट्रेनों में खाना उपलब्ध कराने के लिए बेस किचन बनाए गए हैं। इससे यात्रियों को जरूरत के वक्त ताजा भोजन मिलेगा।
इसे इस तरह से समझते हैं
कटिहार से कोई ट्रेन दिल्ली रूट पर जा रही है तो उसके यात्रियों को रात में आठ से नौ बजे के बीच खाना की जरूरत होगी। उस वक्त अगर ट्रेन बरौनी में होगी, तो उसे वहां से भोजन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
अगर वही ट्रेन मुज़फ़्फ़रपुर या हाजीपुर के आस -पास में होगी, तो वहां के बेस किचन से खाने की आपूर्ति हो जाएगी। इससे यात्रियों को ताज़ा भोजन उपलब्ध होगी। अब रेलवे के अधिकारी, सुपरवाइजर व आइआरसीटीसी, पेंट्रीकार से यात्रियों को परोसे जाने वाले खाद्य सामाग्री की निगरानी आसानी से करते रहेंगे।