बेगूसराय  के चकवा गांव में अंधविश्वास भगाओ देश बचाओ का नारा देते हुए चलाया गया ज़न जागरूकता अभियान

DNB Bharat Desk

 

वैज्ञानिक चांद और मंगल ग्रह पर कदमताल कर रहे हैं , गांव में डायन है – भंते बुद्धप्रकाश

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय-आधुनिकता की दौर में अंधविश्वास कायम रहना वाकई में चिंता का विषय है । वैज्ञानिक चांद और मंगलग्रह पर कदमताल कर रहे हैं और आज भी गांव में डायन है । डायन के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है । उसे मैला पिलाया जाता है , मुंडन करवा कर उसे टोले मुहल्ले में घुमाया जाता है । इतना ही नही कभी कभी तो उसकी हत्या भी कर दी जाती है । इस तरह की घटनाएं अक्सर अखबार , सोशल मीडिया व टीवी चैनलों पर देखने को मिलता है ।

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उक्त बातें अल्पसंख्यक आयोग पूर्व सदस्य सह साइंस फ़ॉर सोसाइटी सदस्य पटना भंतेबुद्ध प्रकाश ने खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के चकवा गांव में मंगलवार को अंधविश्वास भगाओ देश बचाओ ज़न जागरूकता अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा । कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार का करतब दिखलाते हुए भंते बुद्धप्रकाश ने लोगों के आंखों पर पड़ा अंधविश्वास की पट्टी को खोलने का भगीरथ प्रयास किया । तथा बताया कि तांत्रिक ,ओझा-गुणी वैज्ञानिक तरकीब दिखा उसे चमत्कार बता  लोगो के दिलो दिमाग भ्रम पैदा कर देता है ।

वैज्ञानिक प्रतिक्रिया को तांत्रिक लोगो को देवत्व चमत्कार बताकर उसे ठगने का काम करते है । जिसका खुलासा करने के लिए उन्होंने तांत्रिक ओझा गुणी के जैसा करतब दिखलाकर लोगो के दिलो दिमाग मे बैठा अंधविश्वास नाम भ्रम को तोड़ने का प्रयास किया । उन्होंने बताया कि ग्रामीण परिवेश में आए बदलाव पर गौर करे तो शहरों की अपेक्षा टोला मुहल्ला में ज्यादा मोबाइल और लेबटोप  है । शिक्षा के क्षेत्र में मोबाइल और लेबटोप तो आम बात सी हो गयी है । बावजूद आज के दौर में शिक्षित वर्ग भी अंधविश्वास के मकड़जाल में उलझा हुआ है ।

बेगूसराय  के चकवा गांव में अंधविश्वास भगाओ देश बचाओ का नारा देते हुए चलाया गया ज़न जागरूकता अभियान 2उनलोगों के दिमाग मे भी अंधविश्वास जगह बना रखा है । शिक्षित लोगो के बच्चे आज भी बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर के पास न ले जाकर पहले उसे ओझा गुणी के पास लेकर जाते हैं । जहां ओझा के द्वारा उस बच्चे को मिर्ची जलाकर उसका झौस से नजर उतारा जाता है । लोगो के दिमाग मे उन ओझा गुणियो द्वारा इस तरह का भ्रम पैदा कर दी जाती है कि जब बच्चे की मौत हो जाने के बावजूद उसकी अंत्येष्टि करने की बजाय शव का पूजा पाठ जीवन लौटने की आस में करवाया जाता है और अंधविश्वास के मकड़जाल में उलझे लोग ये सब करने के लिए तैयार भी ही जाते हैं । उन्होंने यह भी कहा कि ये ओझा गुणी , तांत्रिक ,भगत , भगतिनि यही पर नही छोड़ता है ।

वेलोग भले चंगे समाज मे भी आग लगाने का काम करते है । किसी का बच्चा बीमार पर गया , जानवर मर गया है तो इसके बावत ये सभी दकियानुषी सोच वाले लोग पीड़ित परिजन को यह कहकर बहला देते हैं कि उसके बगल में जो विधवा महिला है वो डायन है और वही इसको नजर लगा रखा है । जिसके कारण इस तरह की घटना हुई है । फिर शुरू होता है उस मुहल्ले में कलह ? अब यह कलह किस तरह का रूप धारण करेगा कहना मुश्किल है ।

अंधविश्वास भगाओ देश बचाओ ज़न जागरूकता कार्यक्रम में शिरकत किए लोगो से आह्वान करते हुए उन्होंने इस तरह की घटना से बचने की अपील किया । तथा कहा कि दुनिया मे भूत – प्रेत , डायन – जोगिन , भगत – भगतिनि , तन्त्र – मंत्र कुछ भी नही है सभी ढकोसला है । केवल इस तरह का भ्रम पैदा कर कुछ लोगो द्वारा भोले भाले लोगो को ठगने का काम किया जाता है।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट

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