समस्तीपुर में सिर्फ 129 अस्पताल रजिस्टर्ड, बाकी सब फर्जी; मेडिकल स्टोर की आड़ में चल रहा ‘खेल’
डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर : जिले में अवैध नर्सिंग होम की भरमार है। जिला मुख्यालय की कौन कहे गांव-गांव तक भी ऐसे अस्पताल खुले हुए हैं जहाँ मेडिकल स्टोर की आड़ में अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। सब कुछ जानकर भी स्वास्थ्य महकमा इस पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है।
नर्सिंग होमों पर आए दिन लापरवाही का आरोप भी लगता है। बिना रजिस्ट्रेशन के अस्पताल व डायग्नोस्टिक सेंटर संचालन की खबर जिले में आम बात हो गई है। कई झोला छाप तो नर्सिंग होम तक का संचालन धड़ल्ले से कर रहे हैं। ऐसी बात नहीं कि इसकी जानकारी महकमे को नहीं है। जानकारी के बावजूद भी कार्रवाई करने में राजनीति की हथकड़ी से महकमे के हाथ बंध जाते हैं।
हाल ही में पटोरी में अनुमंडलीय अस्पताल और प्रखंड कार्यालय के बीच मुख्य सड़क के किनारे दो नवजात शिशुओं के अधजले शव मिले। मानवता को शर्मसार करने वाले घटना की सूचना फैलते ही शहर में हड़कंप मच गया। सीसीटीवी फुटेज में कूड़े के ढेर के पास फेंके दोनों नवजात पर लाइटर जलाकर फेंकते एक शख्स को देखा जा सकता है। ठंड व ओस के कारण नवजात पूरी तरह नहीं जले लेकिन दोनों की मौत हो गई।
आशंका है कि आसपास संचालित छोटे-बड़े किसी नर्सिंग होम में अवैध तरीके से गर्भपात कराया गया हो और इसके बाद आग लगाने की घटना को अंजाम दिया हो। सिविल सर्जन कार्यालय से जिले में महज 129 ही रजिस्टर्ड हैं। लेकिन संचालित नर्सिंग होम की संख्या हजारों में हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने मानक के अनुरूप नर्सिंग होम संचालन नहीं करने को लेकर कुछ नर्सिंग होम को सील तो कुछ नर्सिंग होम के संचालक से स्पष्टीकरण की मांग भी की है।
इसी वर्ष अप्रैल महीने में शहर के काशीपुर वार्ड संख्या–34 में कचरे के ढेर में इंसान का कटा हुआ पैर मिलने के बाद सनसनी फैल गयी थी। वहीं इसके अगले हफ्ते इससे कुछ ही दूरी पर शदर अस्पताल के पीछे वाले हाॅस्पीटल रोड मुहल्ले में भी कुड़े के ढेर में एक भ्रूण फेंका हुआ मिला था। इसस पहले भी करीब आधा दर्जन बार कुड़े के ढेर से नवजात का शव या भ्रूण मिल चुका है।
कई बार तो कुड़े के ढेर से नवजात का शव मुंह में लेकर कुत्तों के घुमने का भी वीडियो वायरल हो चुका है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अवै रूप से संचालित हो रहे अस्पतालों की जांच हो और मेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निष्पादन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
नवंबर महीने में सिविल सर्जन ने समस्तीपुर शहर के काशीपुर स्थित राज हास्पीटल, खुशी इमरजेंसी एंड चाईल्ड केयर, आयु हास्पीटल, रामजानकी हास्पीटल, आदित्य हास्पीटल, बचपन हास्पीटल, आस्था हास्पीटल, मोहनपुर रोड स्थित मातृका हास्पीटल, राम सागर मातृ शिशु सेवा केंद्र, सिद्धि विनायक चाइल्ड केयर, शिवा हेल्थ केयर, विभा इमरजेंसी हास्पीटल, नवजीवन हास्पीटल एंड ट्रामा सेंटर, मानव इमरजेंसी हास्पीटल, प्रभात इमरजेंसी एंड ट्रामा सेंटर, स्मिता सर्जरी सेंटर, आर्यन क्लीनिक, सी मैकस हास्पीटल, मां भगवती क्लीनिक, मां अम्बे हेल्थ केयर से स्पष्टीकरण की मांग की थी।
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट