डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय/भगवानपुर:-अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर भगवानपुर ब्लॉक में पिरामल फाउंडेशन से आरती शर्मा के नेतृत्व में एक प्रेरणादायी और प्रभावशाली ‘बालिका सभा’ का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं को आत्म-प्रकाशन, स्वास्थ्य जागरूकता और उनके अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाना था।कार्यक्रम में बिहार की सांस्कृतिक पहचान को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। बालिकाओं के हाथों में आल्ता लगाकर उन्हें दुर्गा और लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया गया — जो नारी की सृजनशक्ति, साहस और गरिमा का प्रतीक है। इसे मासिक धर्म (पीरियड्स) से जोड़ते हुए यह संदेश दिया गया कि “हर चक्र नारी की सृजनशक्ति और उसकी ताकत का प्रतीक है।”

सभा के अंतर्गत कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं — रैली, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग, आसान लेखन प्रतियोगिता, बाल विवाह पर नाटक, क्विज़, भाषण प्रतियोगिता, और एनीमिया जांच शिविर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बालिकाओं का हीमोग्लोबिन स्तर जांचा गया और उन्हें पोषण व आयरन-फोलिक एसिड की गोलियों के सेवन की सलाह दी गई।इस ‘बालिका सभा’ में कुल 109 बालिकाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिन्होंने अपनी रचनात्मकता, ऊर्जा और आत्मविश्वास से कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।इस अवसर पर CHO पूजा कुमारी, CHO राजू कुमार रंजन, CHO मनीष पासवान, ICDS पर्यवेक्षक, विद्यालय के प्रधानाध्यापक अमरदीप जी, तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं विद्यालय के अन्य अध्यापकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानाध्यापक अमरदीप जी के सक्रिय सहयोग का विशेष योगदान रहा।
मुख्य संचालक आरती शर्मा ने बालिकाओं पर होने वाले अत्याचार पर एक भावनात्मक मोनो एक्ट प्रस्तुति दी, जिसने सभी को गहराई से प्रभावित किया। तत्पश्चात उन्होंने बालिकाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण पर एक विशेष सत्र लिया, जिसमें उन्होंने छात्राओं को आत्मनिर्भर, सजग और आत्मविश्वासी बनने के लिए प्रेरित किया।
बेगूसराय भगवानपुर संवाददाता गणेश प्रसाद की रिपोर्ट