डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय-बिहार यू हीं नहीं सुर्खियों में रहता है। रहे भी कियों नहीं। जहां अंधेरे नगरी हो और वहां के चौपट राजा हो तो सुहाने पर सुहागा होना तो लाजमी होगा ही। इसी प्रकरण में वीरपुर थाना क्षेत्र के सहुरी पंचायत के लगभग 76 वर्षीय एक बुजुर्ग शिक्षा विंद रिटायर शिक्षक सह राजकिय सिमरिया कल्प वास मेला के महासचिव रविन्द्र सिंह को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ सवा आलम के द्वारा 20 हजार रुपए अर्थदंड के साथ स्वश्रम 10 वर्ष के लिए कारावास की सजा सुनाए जाने और गिरफ्तार कर जेल भेज देने की फैसला से थाना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

लोग चौंक चौराहों पर,पान की दुकानों पर मामले को लेकर चर्चा कर रहे हैं कि 76 वर्ष की उम्र में लोग श्मशान जाते हैं वैसे बुजुर्ग जो डायबिटीज ,गठीया , ब्ल्डप्रेशर आदि विभिन्न रोगों से ग्रस्ति हों, ना आईओ के रिपोर्ट ना सबुत केवल परिवारीक लोगों के गवाही पर इतना बड़ा सजा जो एक लोटा पानी के लिए भी दुसरे लोगो पर निर्भर रहा करते हैं। ऐसे बुजुर्ग को 20 हजार रुपए अर्थदंड और 10 वर्ष की स्वश्रम कारावास आश्चर्य।
इस संबंध में पीड़ित के पुत्र अशोक कुमार, शशी भूषण सिंह समेत ग्रामीणों ने बताया कि गैर मजरूआ जमीन पर रखें लादी को हटाने के लिए उपजे विवाद को लेकर 1992 में मार पीट हुआ था। जिसमें मामले के तत्कालीन आईओ के के द्वारा अभी तक ना रिपोर्ट ना सबुत पेश किया गया है। फिर भी अजब गजब फैसला वाह रे बिहार की न्यायापालिका ।
बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा की रिपोर्ट