डीएनबी भारत डेस्क
बिहार की सोंधी मिट्टी की महक लिए लोक कलाकारों ने अपने नृत्य से सबका मन मोह लिया।5 मंच से 500 कलाकारों के गायन, वादन और नर्तन तथा पैरों के थिरकन से झूम उठा सिमरिया धाम। सिमरिया धाम के रिवर फ्रंट सहित कल्पवास मेला क्षेत्र में बने दो मुख्य मंच और न्यू जीरोमाइल पर बनाए गए मंच पर लगातार 3 घन्टे तक प्रस्तुति चलती रही।

सिमरिया धाम के पूरे परिक्षेत्र में बने 5 मंच पर लगभग 500 से अधिक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। एक साथ सिक्स लाइन पुल के पूरब और पश्चिम कई मंचों पर बिहार की लोक परंपराओं की प्रस्तुति चलती रही। रिवर फ्रंट पर बिहार के पारंपरिक 100 लोक कलाकारों और 200 स्कूली बच्चों के साथ गणेश गौरव का कोरियोग्राफर देखते बन रहा था। जिला प्रशासन के कला संस्कृति विभाग की पहल पर आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन, बरौनी के नेतृत्व में जुटे कलाकार सिमरिया घाट की शोभा बढ़ा रहे थे।
आकर्षण का केंद्र सिमरिया का रिवर फ्रंट रहा जहां पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ स्कूली बच्चों ने भी बिहार की लोक परंपराओं की जबरदस्त प्रस्तुति दी। खास करके बिहार के अलग-अलग हिस्सों से आए ढोल, डंका, मोर मोरनी कटघोरवा जैसे लोक नृत्य भी सबके मन को मोहते रहे। जिला कला संस्कृति पदाधिकारी श्याम कुमार सहनी के मार्गदर्शन व गणेश गौरव के निर्दशन और डॉ कुन्दन कुमार के संयोजन में सह कोरियोग्राफर अभिनव कुणाल, साक्षी कुमारी, अंकित कुमार, संतोष कुमार, बलिराम, राधे कुमार, आंचल कुमारी, जितेंद्र शर्मा, विजेन्द्र कुमार, ऋषि कुमार, आशुतोष, संस्कृति ने कलाकारों को प्रस्तुति में अपना शानदार सहयोग दिया।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट