कुलपति का छात्रों को मंत्र, ‘नौकरी पाने वाले नहीं, बड़ी कंपनियों के मालिक बनें’
डीएनबी भारत डेस्क

डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में दीक्षारंभ के नौवें दिन कुलपति डॉ पी एस पांडेय ने बच्चों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता एवं जीवन में समस्याओं से लडकर आगे बढ़ने के बारे में बताया। डॉ पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के बच्चे को अच्छी नौकरी पा ही जाते हैं लेकिन वे चाहते है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी बड़ी कंपनियों के मालिक बनें।
उन्होंने कहा कि वे देख सकते हैं कि कई नये छात्र जो आज दर्शक दीर्घा में हैं वे बड़ी कंपनियों के मालिक बनेंगे। उन्होंने स्वामीनारायण संस्था के प्रसिद्ध संत एवं अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के प्रभारी साधु अमरूतचरित दास के एक रिकार्डेड लेक्चर को भी सुनाया। कुलपति डॉ पांडेय ने कहा कि उनके विशेष आग्रह पर स्वामी जी ने इस लेक्चर को विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए तैयार करके भेजा है। अपने व्याख्यान में साधु अमरुतचरित दास ने अपनी भावनाओं पर विजय पाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने देश और विदेश के प्रसिद्ध लोगों के उदाहरण भी दिए जो साधारण परिस्थितियों से निकलकर और अपनी कमजोरियों पर नियंत्रण करके विशेष बने। उन्होंने कहा कि हम सबको अपने अंदर झांकना चाहिए और ऐसी आदतें जो हमें गुलाम बना रहे हैं उनसे मुक्ति पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कहा कि असली लड़ाई हम सबके अंदर चलती है जो स्वयं पर विजय पा लेता है वह सर्वगुण संपन्न हो जाता है। उन्होंने कहा कि हम सबका उद्देश्य स्वयं को विकसित और बेहतर बनाना होना चाहिए।
उन्होंने छात्रों से अच्छी पुस्तकें पढ़ने की आदत विकसित करने को भी प्रेरित किया। कुलपति डॉ पांडेय ने कहा कि दीक्षारंभ का उद्देश्य छात्रों में चरित्र निर्माण करना है। उन्होंने छात्रों से लर्न , अर्न एवं रिटर्न के बारे में भी बताया और समाज को रिटर्न करने के तरीके पर चर्चा की कुलसचिव डॉ पी के प्रणव ने कहा कि दीक्षारंभ की शुरुआत सर्वे भवन्तु सुखिन: , सर्वे संतु निरामया: से होती है और इसके बाद वंदे मातरम का गान होता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने छात्रों को इस तरह से तैयार करने की कोशिश कर रहा है कि वे समाज और विश्व को आगे बढ़ाने में सहायक हो सके।
फिशरिज कालेज ढोली के डीन डॉ पी पी श्रीवास्तव ने भी छात्रों के साथ संवाद किया और उनके विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिए। डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने में छात्रों को बहुत समस्य होती है लेकिन यही एक विश्वविद्यलय है जहां कुलपति स्वयं छात्रों का क्लास लेते हैं और उनके विकास को लेकर हर समय चिंतित रहते हैं। कार्यक्रम का संचालन डा अंजनी कुमारी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ रितंभरा सिंह ने किया।
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट