एपीएसएम कॉलेज बरौनी में “सकारात्मक मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप (पी. पी. आई.) तथा मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सह कार्यशाला का आयोजन

DNB Bharat Desk

24 जुलाई 2025 को अयोध्या सिंह स्मारक महाविद्यालय बरौनी में “सकारात्मक मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप (पी. पी. आई.) तथा मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी सह कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस संगोष्ठी सह कार्यशाला में मुख्य अतिथि सह वक्ता के रूप में प्रोफेसर ध्रुव कुमार पूर्व विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा,  थे जबकि प्रोफेसर सादिक रज्जाक, कुलसचिव, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग तथा डॉक्टर अंजना सिन्हा, मनोविज्ञान विभाग,  के. जे. विश्वविद्यालय बेंगलुरु अन्य दो वक्ता थे ।

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एपीएसएम कॉलेज बरौनी में “सकारात्मक मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप (पी. पी. आई.) तथा मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सह कार्यशाला का आयोजन 2प्रोफेसर ध्रुव कुमार ने विस्तार से बताया कि मानसिक स्वास्थ्य से क्या तात्पर्य है और व्यक्ति के जीवन में यह कितना महत्वपूर्ण है इन्होंने यह भी बताया कि वे कौन से कारक हैं जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।  डॉक्टर अंजना सिन्हा ने अपने व्याख्यान में बताया कि सकारात्मक मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप क्या है एवं मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में यह किस तरह उपयोग में लाया जा सकता है।  कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ मुकेश कुमार ने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि यह कार्यक्रम आई.सी.एस.एस.आर. नई दिल्ली के माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है जो कि डॉक्टर लव कुमार सिंह को पिछले वर्ष मिला था। इस प्रोजेक्ट में शामिल अध्ययन में प्रतिभागियों का मानसिक स्वास्थ्य में काफी संतोषजनक सुधार होता पाया गया।

एपीएसएम कॉलेज बरौनी में “सकारात्मक मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप (पी. पी. आई.) तथा मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सह कार्यशाला का आयोजन 3संगोष्ठी में बिहार एवं बिहार से बाहर के राज्यों से आए 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया संगोष्ठी के बाद कार्यशाला में डॉक्टर लव कुमार सिंह, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष तथा चल रहे माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने प्रतिभागियों को इस बात का प्रशिक्षण दिया कि वे कैसे नकारात्मक विचारों से दूर रहें और जीवन की घटनाओं को सकारात्मक परिप्रेक्ष्य में देखें। इसके लिए उन्होंने प्रतिभागियों से कुछ अभ्यास भी करवाए। मुख्य अतिथि, वक्ताओं एवं समस्त प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार तथा दर्शनशास्त्र के शिक्षक डॉक्टर आशुतोष आनंद ने किया जबकि कार्यक्रम का मंच संचालन हिंदी विभाग के ही शिक्षक डॉक्टर नंदकिशोर पंडित ने किया।

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