उदेरा बैराज से 1.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, नालंदा के पांच प्रखंडों में बाढ़
बाढ़ पीड़ितों को राहत। 3 सामुदायिक रसोई, 757 शीट और 3,226 राशन पैकेट बांटे गए।

डीएनबी भारत डेस्क
लगातार झारखंड में भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ने से 16 जुलाई को उदेरा स्थान बैराज से लगभग 1 लाख 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
इसके चलते जिले के लोकाईन, जीराईन, सकरी और कुम्भरी नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया, जिससे नालंदा जिले के हिलसा, एकंगरसराय, करायपरसुराय, अस्थावां और बिंद प्रखंड के 12 इलाकों (कोरथू, लालाविगहा, धूरीविगहा, गुलड़िया विगहा, सदरपुर, बरहोग, गोविन्दपुर, जैतीपुर, मोहद्दीपुर, रसलपुर, जोल विगहा और रसलपुर) में तटबंध टूट गए। जिससे इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा।
वही इस संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग के अपर समाहर्ता मोहम्मद सफीक ने बताया कि तटबंधों की मरम्मत का कार्य तेज गति से चल रहा है और कई तटबंधों को फिर से बहाल कर दिया गया है। सड़कों पर से पानी का वहाब काफी कम हो गया है जिससे आवागमन बहल किया गया है। बाढ़ से अब तक लगभग 7,250 लोग और 1,485 पशुधन प्रभावित हुए हैं। राहत कार्य के तहत करायपरसुराय और अस्थावां प्रखंड में 3 सामुदायिक रसोई चलाई गईं, जिनमें 2,342 लोगों ने भोजन किया।
प्रभावित परिवारों के बीच 757 पॉलिथीन शीट और 3,226 सूखा राशन पैकेट वितरित किए गए हैं। पशु मालिकों को 317 क्विंटल चारा दिया गया है। 9 स्वास्थ्य शिविरों में 691 लोगों का इलाज किया गया, वहीं 4 पशु चिकित्सा शिविरों में 327 मवेशियों का इलाज किया गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया है और बचाव कार्य के लिए NDRF की दो टीमें तैनात हैं, जो लगातार निगरानी कर रही हैं। फिलहाल नालंदा जिले में नदियों का जलस्तर काफी कम हो गया है और लोग राहत महसूस कर रहे हैं।
डीएनबी भारत डेस्क