डीएनबी भारत डेस्क
बिहार राज्य आशा कार्यकर्त्ता संघ (गोप गुट – ऐक्टू) के आह्वान पर भगवानपुर प्रखंड की आशा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पांच दिवसीय सामूहिक हड़ताल की । अपनी सात सूत्री मांगों के समर्थन में आशा कार्यकर्ताओं ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भगवानपुर परिसर में प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे ऐक्टू के जिला प्रभारी चंद्रदेव वर्मा ने बताया कि वर्ष 2023 में आशा संघ की ओर से 32 दिनों तक हड़ताल की गई थी, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई थीं।

उस दौरान सरकार ने मांगों को मानते हुए आशा फैसिलिटेटर को ₹1,000 मासिक मानदेय देने की घोषणा की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर ₹2,500 कर दिया गया। लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बावजूद अब तक भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इस वादाखिलाफी के विरोध में हड़ताल की जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ माना जाता है, लेकिन सरकार उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करती है। उन्होंने सरकार से यह मांग की कि प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को ₹10,000 की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाए और 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति का प्रावधान हो। साथ ही सेवानिवृत्ति के बाद ₹10 लाख की एकमुश्त राशि दी जाए। प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे तब तक आंदोलन जारी रखेंगी जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं करती।
उन्होंने यह भी कहा कि आशा कार्यकर्ता महज मानदेय की हकदार नहीं, बल्कि उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा भी मिलना चाहिए। पांच दिवसीय हड़ताल से प्रखंड के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में आशा कार्यकर्ता शामिल हुईं और एकजुटता के साथ अपनी आवाज बुलंद की।हड़ताल- प्रदर्शन में फेसिलिटेटर रीमू कुमारी,चन्द्रशीला,बंदना,रीता,बंदना,अनीता,सरिता,गौड़ी,सीमा,उषा,रंजना राय,नीलू समेत आशा और फेसिलिटेटर शामिल थीं।
बेगूसराय भगवानपुर संवाददाता गणेश प्रसाद की रिपोर्ट