डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय-बिहार सरकार के द्वारा ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों के परिवहन पर रोक के खिलाफ आज बेगूसराय में ई-रिक्शा चालक संघ के द्वारा विशाल प्रदर्शन किया है। साथ ही साथ ई रिक्शा चालकों के द्वारा डीएम ऑफिस पहुंचकर बिहार सरकार खिलाफ जमकर हंगामा नारेबाजी की है। इस दौरान ई रिक्शा चालक का कहना है कि सरकार के द्वारा जो नीति लाई गई है। वह नीति गलत है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि ई रिक्शा चालक गरीब मजदूर वर्ग से आते हैं। बेरोजगारी के इस चुनौती भरे समय में ई रिक्शा चलाकर गरीब परिवार को भरण पोषण करते हैं।

उन्होंने कहा है कि ई रिक्शा नगर निगम के दायरे में आता है। नगर निगम के द्वारा 1200 सौ सालाना पार्किंग शुल्क वसूली करता है। उन्होंने कहा कि ठेकेदारी व्यवस्था के कारण ई रिक्शा चालकों का शोषण होता है 12 के बदले ज्यादा रकम वसूली की जाती है हम लोग मांग करते हैं कि नगर निगम कैंप लगाकर स्वयं पार्किंग शुल्क वसूल करें। उन्होंने कहा कि एक तरफ नगर निगम की मनमानी लगातार ई रिक्शा चालकों को भुगतना पड़ता है वहीं दूसरी तरफ आप सरकार के द्वारा नियम लाया गया है कि ई रिक्शा पर स्कूली बच्चों को नहीं सवार कर ले जाना है। उन्होंने कहा कि हजारों लाखों गरीबों परिवार ई रिक्शा चलाकर अपनी जीविका का साधन स्वयं ढूंढ लिया है। और सरकार को राजस्व भी मिल रहा है।
सरकार को राजस्व और गरीब वह मजदूरों को रोजगार विकास को गति देने के मॉडल है। ऐसी परिस्थिति में ई-रिक्शा के लिए उठाए गए कदम उनकी जिंदगी को तबाह व बर्बाद करने के सिवा कुछ नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग किया है कि ई रिक्शा से स्कूली बच्चों को परिवहन सुचारू रूप से रखा जाए। सरकार के द्वारा जो नियम लागू किया गया है यह नियम सरकार वापस ले। अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो आने वाला समय में ई रिक्शा चालक संघ सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी जवाब देगी सरकार की होगी।
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