डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड में इंडिया महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला दहन किया। पिछले दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चिट्ठी के माध्यम से बेगूसराय जिले में स्थित मक्का अनुसंधान केंद्र को कर्नाटक के शिवमोगा में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया है। इस आदेश के आते ही बेगूसराय जिले के आम जनमानस में आक्रोश व्याप्त हो गया।

इसी से आक्रोशित बछवाड़ा प्रखंड के इंडिया महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने सीपीआई कार्यालय बैंक बाजार बछवाड़ा से प्रतिरोध मार्च निकाला जो रेलवे स्टेशन होते हुए, आर्मी हेल्थ क्लब होते हुए बछवाड़ा बाजार स्थित महावीर चौक पर जाकर सभा में तब्दील हो गया। इस सभा की अध्यक्षता सीपीआई अंचल मंत्री कॉ भूषण सिंह ने की, उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में जब भी भाजपा की सरकार बनी तो उन्होंने बेगूसराय जिले के साथ सौतेला व्यवहार किया है पहले खाद कारखाना को बंद किया और आज मक्का अनुसंधान केंद्र को भी जिले से छीनने की कोशिश की जा रही है। यह मक्का अनुसंधान केंद्र भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के संघर्षों की देन है।
इसकी स्थापना पूर्व सांसद कॉ. शत्रुघ्न प्रसाद सिंह जी की मांग पर तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री कॉ. चतुरानन मिश्र ने की थी, हम इंडिया महागठबंधन के कार्यकर्ता इसे जिले से कहीं नहीं जाने देंगे। वहीं सीपीआईएम जिला मंत्री रत्नेश झा ने कहा कि मक्का अनुसंधान केंद्र यदि बेगूसराय जिले से बाहर जाता है तो इससे लाखों किसानों को एवं इसमें रोजगार कर रहे हजारों नौजवानों को नुकसान होगा और इसे इंडिया महागठबंधन किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। सभा को संबोधित करते हुए राजद प्रखंड अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि इस आदेश के खिलाफ सर्वप्रथम बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया जिसके बाद पूरे जिले में आंदोलन तेज हो गया और यह आंदोलन तबतक नहीं रुकेगा जब तक इस आदेश को लिखित रूप में वापस नहीं ले लिया जाता है।
वहीं कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष संजय चौधरी ने कहा कि बेगूसराय जिला सर्वाधिक टैक्स देने वाले जिलों में से एक है लेकिन इस देश की वर्तमान सरकार लगातार दुर्व्यवहार कर रही है जिससे यहां के स्थानीय किसानों और नौजवानों को नुकसान हो रहा है और केंद्रीय कृषि मंत्री का यह जनविरोधी आदेश इसका उदाहरण है जिसके खिलाफ हम मजबूती से लड़ेंगे। वही सभा को संबोधित करते हुए राजद जिला प्रवक्ता श्याम प्रसाद दास ने कहा कि हमारे सांसद केंद्रीय मंत्री है। वह नाकारा और निकम्मा है। उन्हें भारत पाकिस्तान करने से फुर्सत मिले तब ना अपने संसदीय क्षेत्र में ध्यान देंगे। यह तो शुक्र की केंद्रीय कृषि मंत्री ने भारत देश के राज्य में स्थानांतरित किए।
इनका वश चलता तो यह इसे पाकिस्तान भेज देते। उन्होंने कहा भाजपा बनिए की पार्टी है इसका मतलब ये नहीं कि छोटे मोटे दुकानदार की यह बड़े पूंजीपति अडानी अंबानी की है। जिसका खुलासा 2014 में सरकार का गठन होते ही द वायर ने लिखा कि देश में पहली बार पूंजीपतियों की हिमायती सरकार बन गई। फिर यह गरीब किसान मजदूरों का दर्द क्या समझेगी। वही माकपा के अंचल मंत्री अवध किशोर चौधरी ने कहा कि मक्का अनुसंधान कुशमहौत सिर्फ बेगूसराय नहीं पूरे बिहार के अस्मिता का सवाल है बिहार में मुंगेर कमिश्नरी पूरे बिहार में सबसे ज्यादा मक्का उत्पादन करती हैं। इस सरकार को बिहार में मखाना का अनुसंधान केंद्र देना चाहिए जिसे अभी तक नहीं दिया।
उलटे मक्का अनुसंधान को भी हमलोगों से छीनना चाहती है। सरकार के फैसले का हमलोग तब तक विरोध करते रहेंगे जब तक इसे रोका नहीं जाता है। सभा को संबोधित करते हुए एआईएसएफ जिला सचिव सत्यम भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की सरकार सदा ही किसान मजदूर विरोधी रही हैं। देश में जब जब भाजपा की सरकार बनी बेगूसराय के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है। सर्व प्रथम जब अटल जी की सरकार बनी तो खाद कारखाना को बंद किया गया। 2014 में जब पहली बार मोदी की सरकार बनी तो मक्का अनुसंधान केंद्र को लुधियाना शिप्ट करने की कोशिश की गई। उस समय हमारे पार्टी के सांसद कॉ डी राजा ने सदन में विरोध किया तो रोका गया।
जब दूसरी बार सरकार बनी तो वैशाली ट्रेन को बरौनी से सहरसा कर दिया गया आज यहां के लोगों को बैठने तक का जगह नहीं मिल पाता है। बेगूसराय गव्य विकास के कार्यालय को लखीसराय कर दिया गया आज यहां के लोग पशु ऋण में छूट के लिए लखीसराय जाना पड़ता है। जब तीसरी बार सरकार बनी तो आज पुनः उनका चाल चरित्र उजागर हुआ। मक्का अनुसंधान को अब कर्नाटक के शिवमोगा ले जाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया। और हमारे सांसद बड़े ही बेशर्म लहजे में कहते हैं यह अफवाह अगर यह अफवाह है तो आपने आग्रह पत्र क्यों लिखें। अगर रुक गया तो आप स्टे ऑर्डर पत्र सार्वजनिक कर दीजिए। इन्हें हिंदू मुसलमान करने और दंगा भड़काने से फुर्सत होगा तभी तो इस तरह के विषय पर ध्यान देंगे। वही सभा को संबोधित करते हुए राजद नेता सह पूर्व मुखिया धर्मेंद्र राय ने कहा कि 1997 में देश में संयुक्त मोर्चा की सरकार थी और बिहार लालू प्रसाद यादव की सरकार थी और हमारे सांसद शत्रुध्न प्रसाद सिंह थे। उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री चतुरानंद मिश्र से आग्रह किए।
उन्होंने बिहार सरकार से मिलकर यहां पर इसकी स्थापना की गई। आज केंद्र सरकार इसे यहां से हटाना चाहती हैं। जिसको हम कभी बर्दास्त नहीं करेंगे। महागठबंधन के सभी दल सड़क से सदन तक लड़ेंगे। तत्पश्चात पूर्व जिला पार्षद प्रमिला सहनी ने केंद्रीय कृषि मंत्री के पुतले को मुखाग्नि दी। इस प्रदर्शन में किसान नेता पवन कुमार, सनाउल्लाह अंसारी,एआईवाईएफ अंचल सचिव रजनीश कुमार, सहसचिव सोनू इक़बाल, शाखा मंत्री प्रहलाद राय, बीरबल राम, हरेराम महतो, रामनरेश चौधरी, देवेंद्र प्रसाद महतो, महेश कुमार शर्मा, रणधीर ईश्वर, सुजीत सहनी, उमेश मालाकार, गणेश केवट, सरिता राय, राजकुमार चौधरी, संगम कुमार,सुमित कुमार, भुवनेश्वर राय, अमरेश कुमार राय सहित दर्जनों महागठबंधन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बेगूसराय बछवाड़ा संवाददाता मनोज कुमार राहुल की रिपोर्ट