वित्तरहित शिक्षक कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा अपनी मांगो को लेकर किया विरोध प्रकट

DNB Bharat Desk

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बेगूसराय जिले के भगवानपुर में सरकार की उपेक्षा एवं दोहरी शिक्षा नीति के कारण वित्तरहित अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों, इण्टरमीडिएट महाविद्यालयों एवं सम्बद्ध डिग्री कॉलेज के हजारों शिक्षाकर्मी को होली एवं इद जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों में भी न तो वेतन मिला और न ही बकाये अनुदान।  जिससे वित्तरहित शिक्षाकर्मियों में भारी आक्रोश है। इसको लेकर चुनावी साल में बिहार सरकार के खिलाफ वित्तरहित शिक्षण संस्थानों ने विरोध तेज कर दिया है। गुरुवार को जिले भर में वित्तरहित शिक्षक कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रकट किया।

साथ ही वित्तरहित शिक्षा नीति का पुतला बनाकर पुतला दहन किया गया। इस दौरान भगवानपुर प्रखण्ड के एमजेजे इंटर कॉलेज ममारखपुर बनवारीपुर के मुख्य द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रभारी प्रिंसपल प्रो दिलीप कुमार झा ने बताया कि अनुदान के बदले वेतनमान, सात वर्षों के बकाया अनुदान का एकमुश्त भुगतान, माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता और सम्बंधन के निलंबन आदेश को वापस लेने, सेवानिवृत्ति की आयु पांच वर्ष बढ़ाने और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन जैसी सुविधाओं की मांग को लेकर मोर्चा संघर्षरत है। मांगों को लेकर  प्रो मनेंद्र कुमार ने कहा कि 10 मार्च को विधानमंडल के समक्ष विशाल प्रदर्शन, घेराव और महाधरना किया गया।  19 मार्च को राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस मनाया गया। प्रो घनश्याम ने कहा कि बिहार सरकार को वित्तरहित शिक्षण संस्थानों को टेक ओवर कर लेना चाहिए।

वित्तरहित शिक्षक कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा अपनी मांगो को लेकर किया विरोध प्रकट 2राज्य भर में जितना इंफ्रा बिहार सरकार शिक्षण संस्थानों में 20 सालों में नहीं बना पाई है। उससे अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर वित्तरहित कॉलेजों और विद्यालयों के पास है। जो व्यर्थ हो रहा है। इसी कड़ी में हमलोग के संघ की ओर से  विधायकों, मंत्रियों और पक्ष-विपक्ष के प्रमुख नेताओं का घेराव और संपर्क अभियान पटना में जारी है। जल्द ही बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। अनुदान से पहले वेतनमान की घोषणा सरकार द्वारा किये जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस  अवसर पर प्रवीण कुमार, प्रभुनारायण मित्रा, सुधीर कुमार, विकास कुमार, मीना कुमारी, आराधना रानी, रूबी कुमारी इत्यादि शिक्षक एवं सुबोध सिंह, नागेंद्र प्रसाद महतो , रामशीष, रामनन्दन राय शिक्षकेत्तर कर्मी मौजूद थे

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