प्रशासन की मिलीभगत के कारण इन घोटालों में लिप्त कर्मियों पर नही होती है कोई कार्रवाई
डीएनबी भारत डेस्क

समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड अंतर्गत लोहागीर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। यह योजना गरीबों को पक्का मकान देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, लेकिन हकीकत में यह घूसखोरी का अड्डा बन चुकी है। यहां घूसखोरी के इस दुष्चक्र के कारण गरीब लाभुकों को सरकार से मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा बिचौलियों और भ्रष्ट कर्मियों की जेब में चला जाता है।
आवास योजना का उद्देश्य गरीबों को सिर पर छत देना था, मगर आज यह घूसखोरी का जाल बन चुका है। अगर सरकार और प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो यह भ्रष्टाचार और गहराता जाएगा। स्थानीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष राजा साहनी ने इस घोटाले का पर्दाफाश करते हुए बताया कि योजना का लाभ दिलाने के नाम पर ग्रामवासियों से हजारों रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। लोहागीर पंचायत के ग्रामीणों ने खुलासा किया है कि आवास सहायक समेत कई कर्मी जियो-टैगिंग, फाइल पास कराने और राशि जारी करने के नाम पर खुली लूट मचा रहे हैं।
नतीजा यह होता है कि मकान बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं बचते और वे मजबूरी में ईंट की दीवारों पर झोपड़ी जैसा छत डालकर रहने को मजबूर हो जाते हैं। आवास योजना के अंतर्गत आने वाले गरीब लोग सुविधा का लाभ नहीं बल्कि भ्रष्टाचार की मार झेल रहे हैं। प्रशासन की मिलीभगत के कारण इन घोटालों में लिप्त कर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। हर साल इसी तरह गरीबों के नाम पर पैसा लूटा जाता है, लेकिन न तो किसी पर मुकदमा होता है और न ही किसी की नौकरी जाती है। इस लूट-खसोट से त्रस्त ग्रामीणों में भारी गुस्सा है, लेकिन उनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है।
आरोप है कि प्रत्येक लाभार्थी से एक हजार से दो हजार रुपए तक वसूला जाता है। यही नहीं, आवास योजना की पूरी प्रक्रिया में अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत से हर स्तर पर घूस देना पड़ता है। इससे आवास योजना के लाभुक,लाभुक नहीं पीड़ित हो जाते हैं और कार्रवाई नहीं होने से घूसखोरी का सिलसिला अनवरत जारी रहता है।
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट