बेगूसराय के बछवाड़ा में राष्ट्रीय कवि संगम के बैनर तले होली मिलन समारोह सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। दुनिया पूजे उगता सूरज हम ढलते के भी पुजारी हैं हम धरतीपुत्र बिहारी है।भैर जिनगी रहोगे परेशान बबुआ सेल्फी वाली पर न देना ध्यान बबुआ।
होली मिलन समारोह सह कवि सम्मेलन के मौके पर दुनिया पूजे उगता सूरज हम ढलते के भी पुजारी हैं, हम धरतीपुत्र बिहारी है… और शहनाई जिसपे नाज करे बिस्मिल्ला खान हम हीं तो हैं, शारदा लोक शैली गायक सुर की पहचान हम हीं तो हैं, के साथ हास्य कवि शम्भू शिखर ने समा बांध दिया। बेगूसराय के बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र के रानी एक पंचायत स्थित रेलवे लोहिया मैदान में मंगलवार की संध्या सांसद प्रतिनिधि सह राष्ट्रीय कवि संगम के प्रांतीय अध्यक्ष प्रभाकर कुमार राय के संयोजन में प्रत्येक वर्ष होने वाली होली मिलन सह अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मलेन का आयोजन वर्ष 2020 से अनवरत आयोजित किया जा रहा है। कवि सम्मेलन में देर रात तक हास्य व्यंग्य के बीच श्रोता झूमते रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में देश भर से आए कवियों को मिथिला चादर से आयोजक प्रभाकर कुमार राय के द्वारा सम्मानित किया।

इस अवसर पर सभी एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई देते रहे। कार्यक्रम की शुरुआत समस्तीपुर की कवयित्री शेफालिका झा ने सरस्वती बंदना से की। शेफालिका झा ने समाज मे आ रही विसंगति पर चोट करते हुए अपनी पंक्ति ये लड़की इंस्टा रील बनाती है वायरल हो जाती है और भर जिनगी रहोगे परेशान बबुआ सेल्फी वाली पर न देना ध्यान बबुआ… सुनाकर तालिया बटोरी। वही कवि अविनाश बंधु ने हमसे ना टकराओ कोई शेर सा मेरा चाल… कि मैं हूं बेगूसराय का लाल सुनाया।
कवि प्रफुल्ल मिश्रा ने हर शख्स के अंदर शोला नहीं होगा, बिन विष पिए कोई भोला नहीं होगा, सुना कि उनका कोई भी दुश्मन नहीं है, जरूर उसने वक्त पे बोला नहीं होगा जैसे मुक्तक सुनाकर श्रोताओं को झंकृत किया। कवि केशव प्रभाकर ने कभी अपने मान और स्वाभिमान का सौदा नहीं करते, कोई कुछ भी कह ले पर, हमें मालूम है की, कवि हैं हम, कभी ईमान का सौदा नहीं करते जैसी वीर रस से ओतप्रोत कविता सुनाकर कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं में जोश भर दिया

नवादा से पहुंचे कवि ओंकार कश्यप ने बेहतर मंच संचालन करते हुए हम भारत माता के बेटे, हम नहीं मचलते तारों पर, या तो शीत सहन कर लेते, या चलते हैं अंगारों पर, सोने की चिड़िया घायल है, नागफनी से बीनी है, आजादी भी हमने अपनी, लहू बेचकर छीनी है जैसी पंक्ति सुनाकर बीच-बीच मे जोश भर दिया। गया के कवि कुमार आर्यन, जहानाबाद से कवि राणा वीरेंद्र सिंह, कवयित्री आराधना सिंह अनु की कविता पर श्रोता झूमते रहे। बड़ी संख्या में श्रोता देर रात तक कवि सम्मेलन का आनंद उठाते रहे।
इस अवसर पर पूर्व विधायक ललन कुँवर, राष्ट्रीय कवि संगम के जिलाध्यक्ष बृजबिहारी मिश्रा, महामंत्री अमरेश कुमार शिशिर, संजीत कुमार मुन्ना, देवनीति राय, मुखिया चमथा 2 राकेश कुमार बच्चा बाबू, कुंदन कुमार, तेज नारायण चौधरी, भाजपा मंडल अध्यक्ष सोनू कुमार, रौशन चौहान, सुमन चौधरी, प्रवीण कुमार , प्रमुख सुधाकर मेहता, संदीप चौधरी, केदार दत्त झा, नीतीश ईश्वर, राम प्रवेश राय, भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष रौशन राय, अमलेश चुन्नू, शशि भूषण, ललन सिंह, मुकेश राय एसएनएनआर के पूर्व प्राचार्य अशोक कुमार सिंह युवा राजद प्रदेश उपाध्यक्ष कुमार रूपेश यादव, जिला प्रवक्ता श्याम प्रसाद दास, राजद प्रखंड अध्यक्ष सुनील यादव, अरुण यादव, सेवा निवृत शिक्षक शशि शेखर राय, राजेश कुमार गुड्डू, प्रिंस कुमार, रामनरेश चौधरी, रवींद्र राय, विजय शंकर दास, राजेंद्र राय, जिला परिषद सदस्य मनमोहन महतो आदि उपस्थित थे।