डीएनबी भारत डेस्क
प्रशांत किशोर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार नहीं मानेगी तो ये बच्चे, पूरे बिहार के युवा जो लोग भी इन बच्चों के साथ संवेदना रखते है, और जो भी लोग इस लाठीतंत्र के खिलाफ है। वो सभी लोग एक दिन भी चैन से बैठने वाले नहीं है। 2 जनवरी से अगर ये मामला नहीं निपटा तो मैं खुद प्रशांत किशोर, अनिश्चितकालीन तक यहां धरने पर खुद बैठूंगा।
इन 5 मांगो के समर्थन में कही एक कदम भी पीछे हटने का सवाल नहीं है। छात्रों का आंदोलन है हर दल और विचारधारा के लोग उसमें आते है, आज अगर ये बच्चे हमारे पक्ष में या विपक्ष में बोल रहें है मेरी इनसे कोई शिकायत नहीं है। हम राजनीति करने नहीं आए है, पिछले ढाई वर्षों में मैंने किसी भी आंदोलन और धरने प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लिया है, यह पहला ऐसा मौका है जहां मैं सब कुछ छोड़ कर इन सभी बच्चों के साथ खड़ा हूं, क्योंकि मैं इनका दर्द समझ रहा हूँ।
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