बछवाड़ा प्रखंड के चमथा गंगा तट पर कल्पवास मेले का हुआ शुभारंभ,महात्माओं का आना शुरु

DNB Bharat Desk

राजा जनक की तपोस्थली चमथा का यह गंगा तट कल्पवास के लिए पवित्र स्थल माना जाता है-ननकी महराज

डीएनबी भारत डेस्क

शरद पुर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रखंड क्षेत्र के चमथा विशनपुर में कल्पवास मेला को लेकर शनिवार को महात्माओं का आना शुरु हो गया. कल्पवास मेले का शुभारम्भ करते हुए संत शिरोमणि ननकी बाबा ने अपना खालसा बनाना शुरु कर दिया है. उनके साथ और भी संत महात्माओं का आगमन हुआ है जो अपनी पर्ण कुटीर बनाने में जुट गये हैं. इस अवसर पर ननकी महराज ने कहा कि चमथा गंगा का यह पावन तट विदेह राज राजा जनक की तपोस्थली है,

- Sponsored Ads-

जहां आज भी प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में संत महात्मा इस गंगा तट पर अपनी अपनी पर्ण कुटीर बनाकर एक माह तक गंगा स्नान करते हुए भगवान का भजन करते हुए लीन हो जाते हैं.हम सब राजा जनक के दिखाए हुए रास्ते पर चलने का प्रयास करते हैं.कोई भी संत तपस्या करते हुए राजा जनक नही बन सकता, लेकिन हम उनका अनुसरण कर के मोक्ष जरूर प्राप्त कर सकते हैं.राजा जनक की तपोस्थली चमथा का यह गंगा तट कल्पवास के लिए पवित्र स्थल माना जाता है.

बछवाड़ा प्रखंड के चमथा गंगा तट पर कल्पवास मेले का हुआ शुभारंभ,महात्माओं का आना शुरु 2यहां आने मात्र से समूचा मन भक्तिमय हो जाता है. चमथा का यह कल्पवास के दौरान स्थानीय लोगो का हमेशा बड़ा ही सहोग मिलता रहा है.उन्होने कहा कि आज से मेले का आरंभ हो गया है, कल तक दूर दूर से आने वाले संत महात्मा कल्पवास स्थल पर पहुंच जायेंगे. स्थानीय मुखिया उदय कुमार राय ने बताया शरद पूर्णिमा के साथ कल्पवास मेले का सुभारंभ हो चुका है. मेले में हम सभी का पूरा सहयोग हमेशा से रहा है.

बछवाड़ा प्रखंड के चमथा गंगा तट पर कल्पवास मेले का हुआ शुभारंभ,महात्माओं का आना शुरु 3this is a highlighted textइस बार आने वाले संतो को रास्ते में कोई परेशानी नहीं होगी, क्योंकि चमथा कल्पवास मेला तक सड़क का निर्माण हो चुका है, जिससे गंगा तट तक लोग आसानी से पहुंच सकते हैं. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि कल्पवास मेले में उचित सुविधा प्रदान करते हुए सुरक्षा बल के साथ साथ बिजली पानी की व्यवस्था की जाय जिससे कल्पवास मेला के दौरान किसी को कोई असुविधा ना हो.

बेगूसराय बछवाड़ा संवाददाता सुजीत कुमार की रिपोर्ट

Share This Article