बेगूसराय जिलाधिकारी ने डेंगू बुखार प्रसार की स्थितियों का लिया जायजा, रोकथाम को लेकर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश 

बेगूसराय जिला में डेंगू बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित सभी अस्पतालों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सतत सक्रिय रखने को स्थानीय स्तर पर क्लिनिकल प्रबंधन के लिए डीएम बेगूसराय ने दिशा-निर्देशों दिया। 

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बेगूसराय जिला में डेंगू बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित सभी अस्पतालों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सतत सक्रिय रखने को स्थानीय स्तर पर क्लिनिकल प्रबंधन के लिए डीएम बेगूसराय ने दिशा-निर्देशों दिया। 
डीएनबी भारत डेस्क 
जिलाधिकारी बेगूसराय रोशन कुशवाहा ने जिले में डेंगू बुखार प्रसार की स्थितियों का समीक्षा किया। सोमवार 10 अक्टूबर को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को डेंगू बुखार रोकथाम हेतु सभी तरह के निरोधात्मक एवं सतर्कतामूलक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने जिले में स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित सभी अस्पतालों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सतत सक्रिय रखने के साथ ही डेंगू बुखार के क्लिनिकल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुरूप प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया।
इसी क्रम में जिलाधिकारी ने डेंगू के लक्षणों एवं बचाव के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार कर आम नागरिकों को जागरूक करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने सिविल सर्जन एवं जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को सजग एवं सक्रिय रहते हुए डेंगू के सम्पुष्ट मरीजों के साथ-साथ संदिग्ध मरीजों की भी स्वास्थ्य स्थितियों पर निगरानी रखने तथा आवश्यक चिकित्सीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त, नगर निगम, बेगूसराय को नगर निगम क्षेत्र में साफ-सफाई एवं जलजमाव रोकने पर विशेष ध्यान देने तथा नियमित रूप से सघन फॉगिंग करने, टेमीफॉस आदि का छिड़काव करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी रोशन कुशवाह ने बताया कि जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, बेगूसराय द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि जिले में अब तक डेंगू से प्रभावित कुल 08 मामले प्रतिवेदित हुए हैं, जिसके संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि डेंगू प्रभावित मरीजों के ईलाज हेतु सदर अस्पताल में मच्छरदानी युक्त कुल 10 बेड सुरक्षित रखे जाने के साथ सभी पीएचसी में भी 02-02 बेड डेंगू प्रभावित व्यक्तियों के ईलाज हेतु सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है। जिला पदाधिकारी ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि डेंगू से प्रभावित होने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं घबराएं तथा डेंगू बुखार के लक्षण दिखने पर मरीज को समुचित उपचार हेतु अविलंब स्थानीय, नजदीकी चिकित्सा केंद्र ले जाएं।
सिविल सर्जन बेगूसराय ने कहा कि बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है तथा यदि किसी व्यक्ति में डेंगू बुखार का लक्षण प्रकट होता है तो तत्काल स्थानीय चिकित्सा केंद्र से संपर्क करें एवं चिकित्सीय सलाह के अनुरूप दवाई लें। उन्होंने कहा कि तेज बुखार के उपचार हेतु एस्प्रीन अथवा बुफेन की गोलियों का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करें। ऐसे बुखार के लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा के रूप में माना गया है। उन्होंने बताया कि कई अवसरों पर डेंगू की जांच आरडीटी कीट से करने के क्रम में एनएस 1 पाॅजेटिव परिणाम प्रदर्शित होने पर उसे डेंगू बुखार घोषित कर दिया जाता है जिससे लोगों में भय एवं भ्रांति की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना रहती है।आरडीटी कीट जांच से संदिग्ध डेंगू चिन्हित किए जा सकते हैं। परंतु यह जांच रोग को सम्पुष्ट नहीं करता है। भारत सरकार के निर्देशानुसार डेंगू बुखार की सम्पुष्ट जांच सिर्फ ELISA based NS1 एवं IgM कीट से ही किया जाना है जिसके संबंध में निजी अस्पतालों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में उन्होंने डेंगू के कारण, लक्षण एवं बचाव के उपायों के संबंध में भी जानकारी दी है।
जो निम्न है –
(क) डेंगू का लक्षण :- 1. अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार, 2. मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, 3. आँखें लाल होना तथा दर्द होना, 4. जी मिचलाना एवं उल्टी होना, 5. गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना, 6. त्वचा पर चकते उभरना, 7. काला पैखाना, 8. शरीर में स्वैलिंग होना आदि शामिल है।
(ख) डेंगू से बचाव के उपाय :- 1. कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करना एवं धूप में सुखाने के उपरांत ही प्रयोग करना, 2. नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने देना, 3. घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली, परदे लगाना 4. मच्छर से बचाव हेतु सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना 4. दिन के वक्त मच्छर से बचने के लिए पूरी आस्तिन वाले व शरीर को ढकने वाले वस्त्र पहनना शामिल है।
 इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, नगर आयुक्त इबरार आलम, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुभाष रंजन, डीपीएम शैलेश चंद्रा, उप नगर आयुक्त अजय कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी भुवन कुमार सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे।

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