विजीवलिटी हुई काफ़ी कम वाहनों की रफ़्तार हुई धीमी
डीएनबी भारत डेस्क

नववर्ष और क्रिसमस के पूर्व नालंदा जिले में ठंड ने अचानक अपना प्रचंड रूप दिखा दिया है। पर्वतीय इलाकों में हो रही लगातार बर्फबारी का असर अब मैदानी क्षेत्रों तक पहुंच गया है, जिसका सीधा प्रभाव नालंदा जिले में देखने को मिल रहा है।
गुरुवार की सुबह से ही पूरे जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में घना कोहरा छाया रहा, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया।सुबह से लेकर शाम तक ठिठुरन भरी ठंड का असर बना रहा। तापमान में लगातार गिरावट के कारण आम लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई है। घने कोहरे और कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
दृश्यता बेहद कम रहने के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम सी गई। स्थिति यह रही कि दिन के समय भी छोटे-बड़े सभी वाहनों की हेडलाइट जलती हुई नजर आई।सुबह से दोपहर तक पूरा इलाका घने कोहरे की चादर में लिपटा रहा। अचानक बढ़ी ठंड का सबसे ज्यादा असर गरीब और स्लम क्षेत्रों में देखने को मिला, जहां लोग अलाव के सहारे खुद को ठंड से बचाते नजर आए।
जगह-जगह लोग आग जलाकर राहत पाने की कोशिश करते दिखे।स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कड़ाके की ठंड को देखते हुए हर चौक-चौराहे पर अलाव की समुचित व्यवस्था की जाए, ताकि जरूरतमंदों को राहत मिल सके। वहीं चाय की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखी गई, जहां ठंड से बचने के लिए लोग गर्म चाय की चुस्कियों का सहारा लेते नजर आए।
मौसम के इस बदले मिजाज ने साफ संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में ठंड और भी अपना असर दिखा सकती है, जिससे प्रशासन और आमजन दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है।
डीएनबी भारत डेस्क