डीएनबी भारत डेस्क
जदयू जिला कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में देश के प्रथम राष्ट्रपति, स्वतंत्रता संग्राम के पुरोधा, महान विधिवेत्ता एवं ‘देश रत्न’ भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर नमन के साथ हुई। उपस्थित नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

जदयू के कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजकुमार फोगला ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय राजनीति के वे तेजस्वी व्यक्तित्व थे, जिन्होंने 12 वर्षों के राष्ट्रपति पद पर रहते हुए अपनी विनम्रता, दूरदर्शिता और राष्ट्र के प्रति निष्कपट समर्पण से अद्भुत कीर्तिमान स्थापित किए। इसी महान योगदान के कारण उन्हें ‘देश रत्न’ और भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हुए। उनके मूल्य आज भी उतने ही प्रासंगिक और प्रेरक हैं।
राजनीतिक सलाहकार समिति सदस्य दीपक सिन्हा व नीलम वर्मा, बेगूसराय विधानसभा प्रभारी उमेश सिंह पटेल,बखरी विधानसभा प्रभारी अजय मंडल, जिला उपाध्यक्ष शम्भू झा ने कहा कि राजेंद्र बाबू का व्यक्तित्व सादगी, संतुलन, सरलता और सर्वसाधारण के प्रति अनुराग का प्रतीक था। उनके जीवन से सीखकर इन गुणों को व्यवहार में उतारना हर नागरिक का दायित्व है।
जदयू जिला प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद न केवल उत्कृष्ट राजनेता और प्रशासक थे, बल्कि गहन मानवीय संवेदनाओं से युक्त महान विचारक थे।वे वास्तव में आधुनिक भारत के शिल्पकारों में एक थे।उनका आदर्श जीवन और ओजपूर्ण कृतियां समाज व राष्ट्र को निरंतर दिशा देने वाली है।
खगड़िया संवाददाता राजीव कुमार की रिपोर्ट