भ्रष्टाचार,शोषण, धार्मिक उन्माद के खिलाफ आवाज उठानी होगी यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी सुधाकर राय
डीएनबी भारत डेस्क

प्रखंड क्षेत्र के गोधना पंचायत में शहीदे आजम भगत सिंह अत्याधुनिक पुस्तकालय में रविवार को भगत सिंह के पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा की अध्यक्षता पुस्तकालय के संयोजक राजन कुमार ने किया। सभा के मुख्य अतिथि के रूप माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला सचिव सुधाकर राय समाजसेवी तेज नारायण चौधरी,हरिवंश चौधरी, सुजीत सहनी पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रमिला सहनी शामिल हुए। आगत अतिथियों एवं छात्र छात्राओं ने उनके तैल चित्र पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।
सभा को संबोधित करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला सचिव श्री सुधाकर राय ने शहीदे आजम भगत सिंह के जीवन परिचय कराते हुए कहा कि उनका जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिला के बंगा गांव में हुआ जो अब पाकिस्तान में है। वो बचपन से ही क्रांतिकारी सोच के थे। 13 अप्रैल 1919 का जलियांवाला गोली कांड ने उन्हें अंदर से झकझोर दिया जब उनकी उम्र महज 12 वर्ष की थी। उन्होंने जलियांवाला कांड स्थल की खून से सनी मिट्टी को अपने माथे का तिलक मानकर उसकी पूजा करने लगे। उनके दिलों में अंग्रेजो के प्रति घृणा हो गई।
उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए चंद्रशेखर आजाद एवं पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर भारत की स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुकाबला किए। पहले लाहौर में बर्नी सैंडर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेंट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलंदी प्रदान की। उन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप अंग्रेज सरकार ने उन्हें 23 मार्च 1931 को इनके दो अन्य साथियों, राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फांसी पर लटका दिया।
उन्होंने नौजवान भारत सभा और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोशिएसन का नेतृत्व किए जिसे 1928 के बाद हिंदुस्तान समाजवादी गणतंत्रवादी संगठन के रूप मे जाना जाने लगा। इस संगठन की स्थापना सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से ब्रिटिश राज को समाप्त करने के उद्देश्य से किया गया था। उन्होंने कहा था कि बंदूक और पिस्तौल कभी क्रांति नहीं ला सकती, क्रांति की तलवार विचारों की धार पर तेज होती है। भगत सिंह सदा ही शोषित वंचित समाज का नेतृत्व करते रहे। आज युवा जब उनकी पुण्यतिथि मना रहे हैं तो मैं कहूंगा कि अब आपको भगत सिंह बनना होगा।
और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार,शोषण,धार्मिक उन्माद के खिलाफ आवाज उठानी होगी यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वही सभा को संबोधित करते हुए तेज नारायण चौधरी, हरिवंश चौधरी, सुजीत सहनी और पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रमिला सहनी ने उनके जीवन संघर्ष पर रोशनी डालते हुए कहा कि आज देश में हर युवाओं को भगत सिंह बनना होगा। सभा में पुरुषोत्तम कुमार, बादल कुमार, शुभम कुमार समेत दर्जनों छात्र छात्राएं और ग्रामीण मौजूद रहे।
बेगूसराय बछवाड़ा संवाददाता मनोज कुमार राहुल की रिपोर्ट