डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय/बीहट-राजकीय कल्पवास मेला,सिमरिया धाम में आयोजित बारहवें संस्कृति संध्या में रविवार को नवकिरण आर्ट फ़ाउण्डेशन, बेगूसराय के कलाकारों द्वारा भजन,लोक गीत एवं लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति से अभिभूत हुए श्रद्धालु। प्रस्तुति के आरंभ में दयानंद मिश्र के गणेश वंदना एवं विद्यापति गीत गे माई कौन नयन साँ सुतला महादेव,सब धन ल गेल चोर।अम्बे-अम्बे जय जगदंबे जय जयकार करै छी है।

कगवा बोलेला अटरिया हो आज अहिहे विदेशिया शशी किशोर सिंह द्वारा सिया सुकुमारीं मिथिला के दुलारी,पाहूँन हमार रघुवर धनुर्धारी। सोहर गीत-राजा जी ख़ज़नवा देद,रानी जी गहनवा दे द।अंगद कुमार द्वारा ए पाहुना अहिं मिथिले में रहुना।मैया हे सुनियो हमर विपत्तियाँ कोना हे मैया ।अभिनव कुमार ने राम जी से पूछे जानकपुर के नारी,बता द बबुआ लोगवा देत। काहे गारी।बाल गोविंद कुमार द्वारा लोटवा देलहो एक बाबा,बेटा देलहो तीन ,पटना के पाजेब बलम जी,आरा से होठ लाली।
वहीं संस्था निर्देशक सनोज शर्मा ने भी अपने लोक गायन में भिखारी ठाकुर रचित गीत: ए सजनी हो… तथा हमार प्राण प्यारी रामबतिया… आदि गीतों से उपस्थित दर्शकों का दिल जीता। कार्यक्रम की श्रृंखला में लोकनृत्यों की प्रस्तुति प्रसिद्ध लोक नृत्य जट-जटिन एवं लोक रंगोली आदि कई लोक नृत्यों पर बेहतरीन नृत्य प्रस्तुति ने दर्शकों को आंनदित करने का कार्य किया ।
नृत्य कलाकार के रूप में आरती कुमारी, अंजली कुमारी, रितिका कुमारी, ज्योति कुमारी, प्रियांशु कुमारी, बंटी कुमार, प्रिंस कुमार, कोरस आयुष कुमार, आर्यन कुमार एवं प्रिंस कुमार शर्मा आदि थे। मौक़े पर मौजूद ज़िला कला सांस्कृतिक पदाधिकारी श्याम कुमार सहनी ने संस्था के सचिव एवं निर्देशक डॉ सनोज शर्मा सहित सभी कलाकारों को अंग वस्त्र और पुस्तक देकर सम्मानित किया ।सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की श्रद्धालुओं ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की।देर तक श्रद्धालुगण कार्यक्रम में जमे रहें।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट