आजादी के बाद पहली बार संविधान और लोकतंत्र को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है – प्रोफेसर अनवर पाशा

DNB Bharat Desk

समस्तीपुर:आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर अनवर पाशा ने सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की मजबूती को लेकर अपने काफिला के साथ समस्तीपुर पहुंचे और किसान कोल्ड स्टोरेज पर पत्रकारों के साथ बातचीत की। प्रेस को संबोधित करते हुए पाशा ने कहा  कि आजादी के बाद पहली बार संविधान और लोकतंत्र को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे हालात में साम्प्रदायिक और लोकतंत्र विरोधी ताकतें कमजोर वर्गों के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही हैं।

- Sponsored Ads-

आजादी के बाद पहली बार संविधान और लोकतंत्र को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है - प्रोफेसर अनवर पाशा 2उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े, अति पिछड़े और मुस्लिम समुदाय को संसद और विधानसभाओं में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। यहां तक कि दलित और आदिवासी समाज भी बड़ी संख्या में विधानसभा तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। पाशा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर मुस्लिम और अल्पसंख्यक समाज को हाशिए पर धकेलने का काम कर रही है।

वहीं जेएनयू  में उर्दू के विभागाध्यक्ष बादशाह आलम ने कहा कि सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए सभी वर्गों को एकजुट होकर लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी ताकतों के खिलाफ खड़ा होना होगा। साथ ही, उन्होंने चुनावों में सावधानी बरतते हुए इन वर्गों से अपील की कि वे किसी भी बहकावे में न आएं और एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करें।

आजादी के बाद पहली बार संविधान और लोकतंत्र को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है - प्रोफेसर अनवर पाशा 3उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि संविधान की रक्षा करते हुए सामाजिक और राजनीतिक एकता कायम रखी जाए। उन्होंने लोगों से सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता विरोधी ताकतों को वोट से हराने की अपील की। इस अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रो मोहम्मद खुशरु,किसान कोल्ड स्टोरेज के डायरेक्टर शकील एकता समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

Share This Article