डीएनबी भारत डेस्क
अच्छे और सुंदर चिज किसे नहीं पसंद आती है।अपनी स्वयं की रुपए पैसे के साथ आभूषणों की सुरक्षा कि गारेंटी देनी वाली संस्थाओं में से एक वीरपुर यूको बैंक भी समय के साथ बढीयापर्मी खास कर कैस काॅउण्टर कर्मी कुमारी सीमी जब से अपने आप को बेहतर और सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति समझ बैठीं हैं तब से बैंक में बराबर ग्राहकों के साथ अमरीयादीत भाषाओं का प्रयोग किया जाने लगा।

चाहे वो कैस निकालने का मामला हो या कैस जमा करने का या चेक किलयरलेंस का हो या फिर केवायसी सभी कामों में वेबजह अरनगा लगाकर ग्राहकों को लताड़ने, लाइन में खड़े रहने पर भी पैसा नही देने से संबंधित आरोपों को लेकर आज विभिन्न पंचायतों से बैंक में आए सेकरों कि संख्या में महिलाओं जम कर हंगामा करते हुए बैंक के सभी कर्मीयों को बंधक बनाते हुए बैंक में बाहर से ताला लगा कर डीएम, एसपी को बुलाने कि मांगों को करने लगी।
घटना की सूचना पर 112 की पुलिस टीम और क्षेत्र में भ्रमण कर रहे पुलिस पदाधिकारी अजय कुमार जब दल बल के साथ आए तो अस्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह समझा बुझाकर कर ताला खुलवाए और पदाधिकारियों से ग्राहकों से संबंधित सबालो पर चर्चा कर समझौता किया तो लगभग 1 बजे से बैंक का कार्य शुरू हो सका। इस संबंध में जीविका के विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे वेवी कुमारी, पिंकी कुमारी, रीता कुमारी, विनीता कुमारी, सुचिता कुमारी,रीना कुमारी आदि पदाधिकारियों ने बताया कि केसियर के यहां समुह का चेक जमा होने पर एक साल में भी किलयरेंस नहीं होता है।
पुंछने पर केसियर सीमी मेडम के द्वारा कहा जाता है कि चेक खो गया है। अगर दो बजे में भी लाइन में लग जाते हैं चार बज जाता है तो केसियर मेडम के द्वारा कहा जाता है कि अब चार बज गए हैं।जमा निवासी का समय खत्म हो गया है आप लोग जाइए यहां से। अगर ग्राहक के द्वारा आग्रह किया जाता है तो कहते हैं यहां के लोगों को मां बाप के द्वारा संस्कार हीं नहीं दिया जाता है। लोगों ने यह भी बताया कि पांच साल पूर्व खुले खाता धारकों को केसियर सीमी मेडम के द्वारा कहा जाता है कि आपका सिगनेचर कार्ड्स हीं अपलोड नहीं है।
इस संबंध में बैंक प्रभारी मैनेजर अमर दीप कुमार ने बताया कि इध कुछ दिनों से बैंक की हालत ठीक नहीं है। ग्राहक हमारे भगवान होते हैं। ग्राहकों कि समस्या सुनना और समाधान करना हमी लोगों का काम है। केवायसी के फाॅर्म को मेडम के द्वारा फेंक दिया जाता है।या ग्राहकों को बाहर से के वायसी कराने के लिए मजबूर किया जाता है।या बैंक के अन्य कर्मीयों के विरुद्ध भरकाया जाता है।जब समझाते हैं तो महिला होने का धौंस दिखाकर वीडियो बनातीं है। बैंक में हेण्डस की कमी है।
यहां लगभग 70 से 75 हजार खाता धारी हैं। कर्मीयों की कमी से संबंधित लिखित सूचना बरीय पदाधिकारियों को दिया गया है।हेंण्डस मिलते ही समस्या समाधान हो जाएगा। प्रभारी बैंक मैनेजर, मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारी सहित बैंक के बरीष्ठ ग्राहकों ने बताया कि जीविका और ग्रामीण ग्राहकों के साथ बात चीत से समझौता हो गया है।इन लोगों के द्वारा एक सप्ताह का टाइम दिया गया है।
बैंक में आए ग्राहकों के साथ बेहतर ढंग से बातचीत के माध्यम से काम करने और समस्या समाधान करने के लिए। आज की उत्पन्न समस्याओं से बरीय पदाधिकारियों को अवगत कराते हुए कर्मीयों की मांग को पुरा करने से संबंधित त्राहिमाम पत्र भेजा जा रहा है। इस संबंध में बैंक केसियर सीमी मेडम ने बताया कि मेरे उपर लगाए गए सभी आरोप वेबदुनिया और सोची समझी साजीस है।
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