डीएनबी भारत डेस्क
समस्तीपुर जिले के सिंघिया प्रखंड में शिक्षा विभाग की अनदेखी के बीच एक ही पते पर तीन अलग-अलग नामों से मदरसा संचालित किए जाने का मामला सामने आया है।जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इन मदरसों का किसी भी शैक्षणिक बोर्ड में पंजीकरण नहीं है।

जानकारी के अनुसार,सालेपुर मस्जिद में मदरसा जामिया दारुल हुदा” के नाम से पढ़ाई कराई जा रही है। वहीं सिवैया गांव में इसे “जामिया दारुल हुदा लिल बनात” कहा जाता है। इसके अलावा, चंदा लेने की रसीद पर “मदरसा जामिया दारुल हुदा लिल बनीन वल बनात” और कभी “मदरसा जामिया दारुल हुदा” नाम का इस्तेमाल किया जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से यहां बच्चों की पढ़ाई हो रही है,लेकिन इसका कोई वैध पंजीकरण न तो शिक्षा विभाग और न ही मदरसा बोर्ड में दर्ज है। सूत्रों का दावा है कि इस संस्थान में लगभग एक दर्जन बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अभिभावकों को भी यह जानकारी नहीं है कि यह मदरसा आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त है या नहीं।इस संबंध में जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “मामले की जानकारी मिली है।
जांच कराई जाएगी। यदि बिना रजिस्ट्रेशन मदरसा संचालित किया जा रहा है तो संबंधितों पर कार्रवाई होगी।”इलाके के लोगों का कहना है कि शिक्षा विभाग को तुरंत जांच कर बच्चों की पढ़ाई को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। उनका कहना है कि बच्चों का भविष्य दांव पर नहीं लगना चाहिए।फिलहाल मामला जांच के दायरे में है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर एक ही पते पर तीन नाम से चल रहे इस मदरसे की अब तक अनदेखी कैसे हुई। अब देखने वाली बात होगी की शिक्षा विभाग ऐसे मामलों पर कब तक कार्रवाई करती है।
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम की रिपोर्ट