कैमूर से होकर गुजर रही भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाली एक्सप्रेसवे की जमीन अधिग्रहण को लेकर बीते दिन किसान और प्रशासन आमने-सामने खड़ा हो गया

DNB Bharat Desk

कैमूर प्रशासन ने चार किसानों को हिरासत में लेकर देर रात छोड़ दिया। वहीं भारतीय किसान यूनियन (राकेश टिकैत) के संगठन से जुड़े काफी तादाद में किसान चैनपुर के करवंदिया गांव पहुंचे। हालांकि काफी तादात में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। किसानों ने बताया कि कैमूर डीएम ने कहा था कि भारतमाला परियोजना के तहत चिन्हित जमीन पर फसल नहीं लगाए। इसके जवाब में किसानों की मांग थी कि 10 जुलाई तक किसानों का मुआवजा राशि भुगतान कर दिया जाए। लेकिन अभी तक एक भी किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया है। प्रशासन पुलिस का भय दिखाकर खेतों में लगी खड़ी फसल को रौंद रहा है।

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कैमूर से होकर गुजर रही भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाली एक्सप्रेसवे की जमीन अधिग्रहण को लेकर बीते दिन किसान और प्रशासन आमने-सामने खड़ा हो गया 2यहां ग्रामीणों ने बताया कि एसडीएम, अंचलाधिकारी और सैकड़ों पुलिस बल ने जेसीबी मशीन से लहलहाती फसलों को रौंद डाला। भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है। लेकिन, ग्रामीणों का आरोप है कि बिना मुआवजा दिए जबरन जमीन कब्जा की जा रही है और खेतों में लगी फसल को बर्बाद किया जा रहा है।

कैमूर से होकर गुजर रही भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाली एक्सप्रेसवे की जमीन अधिग्रहण को लेकर बीते दिन किसान और प्रशासन आमने-सामने खड़ा हो गया 3किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन और निर्माण कंपनी पीएसी मिलकर किसानों की जमीन जबरन ले रही है। अधिकारियों पर यह भी आरोप है कि वे कंपनियों के एजेंट की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

कैमूर से होकर गुजर रही भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाली एक्सप्रेसवे की जमीन अधिग्रहण को लेकर बीते दिन किसान और प्रशासन आमने-सामने खड़ा हो गया 4किसानों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सरकार कॉर्पोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी जैसा व्यवहार कर रही है. किसानों का कहना है कि डबल इंजन की सरकार अंग्रेजों जैसी नीतियों पर चल रही है, जो किसानों को जबरन उनकी जमीन से बेदखल कर रही है.

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