गुरु व संत के शरण में रहने से ही श्रीमद्भागवत कथा का पुण्य प्राप्त होता है- साध्वी प्राची

DNB Bharat Desk

डीएनबी भारत डेस्क

विप्र हरि पाल जी महाराज बलवान होने के साथ विद्वान भी थे, वह हमेशा सोचते थे कि भगवान व संतों से विमुख लोग दान धर्म तो करते नहीं है और ना ही भजन करते हैं। भगवान से विमुख लोगों का धन यदि चोरी कर संतों की सेवा की जाए तो वह धर्म से विमुख लोगों का चोरी किया हुआ अन्न से संतों को भोजन कराने से जो तृप्ति होगी, और उससे जो पुण्य प्राप्त होगा, उससे धर्म से विमुख लोगों का कल्याण होगा।

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गुरु व संत के शरण में रहने से ही श्रीमद्भागवत कथा का पुण्य प्राप्त होता है- साध्वी प्राची 2उक्त बातें मध्य प्रदेश के जबलपुर से पधारी कथा वाचिका साध्वी प्राची ने सोमवार को प्रखंड मुख्यालय पंचायत रानी एक स्थित राम जानकी ठाकुरवाड़ी झमटिया के प्रांगन में आयोजित नौ दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ के नौवे दिन विप्र हरीपाल जी महराज की कथा के दौरान कही। उन्होने कहा कि पहले तो पुर्वजो का दिया हुआ धन था जिसे विप्र हरीपाल जी महराज ने संतों को भोजन कराने में दोनो हाथों से लुटाने लगे, लेकिन धन तो खर्च हो रहा था और आमदानी का कोई श्रोत नहीं था तो कुछ ही दिन में धन समाप्त हो गया, और उन्होंने संकल्प लिया कि संतों की सेवा जारी रहेगा। अपना धन समाप्त होने के बाद वैसे सेठ साहूकार के घर चोरी करने लगे जो लोग धर्म से विमुख हो गया हो। एक दिन ऐसा भी आया कि उन्हें भगवान श्री हरी व लक्ष्मी जी को ही लुटने के लिए तैयार हो गये, और उन्हीं रुप में भगवान के दर्शन भी हुए।

गुरु व संत के शरण में रहने से ही श्रीमद्भागवत कथा का पुण्य प्राप्त होता है- साध्वी प्राची 3उन्होने कहा कि अपने लिए तो सब जी रहे हैं लोगों को परोपकार भी करना चाहिए। और ऐसा परोपकार करना चाहिए जिससे लोगों के साथ-साथ समाज का कल्याण हो। सबसे कठीन आश्रम गृहस्त आश्रम है,गृहस्थ आश्रम में अपने गुरू,माता पिता का सेवा करने का अवसर मिलता है। और इसमें पति-पत्नी का संबंध अच्छा हो तो वो सुखी परिवार कहलाता है। लेकिन जीवन साथी नोक झोंक होता रहे तो जीवन नर्क बन जाता है। गुरु व संत के शरण में रहने से ही श्रीमद्भागवत कथा का पुण्य प्राप्त होता है।  वही कथा के दौरान कथा वाचिका साध्वी प्राची समेत अन्य कलाकारों व कथा कमेटी के सदस्य समेत मिडिया कर्मी को कथा समापन के दौरान अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कथा के दौरान सभी श्रोताओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

गुरु व संत के शरण में रहने से ही श्रीमद्भागवत कथा का पुण्य प्राप्त होता है- साध्वी प्राची 4मौके पर भागवत कथा के मुख्य आचार्य संजय कुंवर सरोवर,ममता देवी, पंडित अरविंद झा,पंकज राय,कन्हैया कुमार,हरे राम कुंवर,संजीत कुमार,नवीन राय,चमरू राय,सागर कुंवर,भोला महतो,प्रमेश्वर महतो,रामाशीष महतो,खाखो यादव समेत यज्ञ समिति के अध्यक्ष रविंद्र राय,सचिव आन्नद कुंवर,कोषाध्यक्ष मंगल देव कुंवर एवं संतोष कुंवर,मनोज कुमार राहुल,टिंकू कुमार व झमटिया,नारेपुर गांव के अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

डीएनबी भारत डेस्क

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