बुनकरों की कला को मिलेगा विश्व मंच।एक सौ परिवार जुड़े है बुनकर से
डीएनबी भारत डेस्क

राजगीर विधानसभा क्षेत्र के जेडीयू विधायक कौशल किशोर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अपने क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। इसी कड़ी में वह सिलाव प्रखंड के प्रतिष्ठित नेपुरा गांव पहुंचे। नेपुरा गांव, जिसे लोग “बुनकरों का गांव” और “सिल्क सिटी” के नाम से भी जानते हैं, सिल्क नगरी के रूप में न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में मशहूर है।
इस गांव में करीब 100 परिवार बुनकरी के पेशे से जुड़े हैं, जो महात्मा गांधी के खादी ग्रामोद्योग की परंपरा को आज भी जीवंत बनाए हुए हैं। यहां के बुनकरों के हाथ से बने सिल्क वस्त्र न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों तक जाते हैं।विधायक कौशल किशोर ने सरकार से अनुशंसा की है कि नेपुरा गांव को आधिकारिक रूप से “सिल्क सिटी” का दर्जा दिया जाए और इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा,”यहां की बुनाई कला और सामाजिक एकता अद्वितीय है। गांव में 18 जातियों के लोग रहते हैं, लेकिन सभी में आपसी समरसता है, जो विकास के लिए सबसे बड़ी ताकत है।
“ग्रामीणों का कहना है कि यदि नेपुरा गांव को पर्यटन मानचित्र पर स्थान मिले, तो यहां भी देश-विदेश के पर्यटक राजगीर, नालंदा और पावापुरी की तरह आएंगे। पर्यटक न केवल यहां के सिल्क उत्पाद देखेंगे बल्कि खरीदेंगे भी, जिससे बुनकरों की आय बढ़ेगी और जीवन स्तर सुधरेगा।गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने “मन की बात” कार्यक्रम में इसी गांव के एक बुनकर का नाम लेकर उनके कार्यों की सराहना की थी।
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