डीएनबी भारत डेस्क
आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछवाड़ा में काम काज ठप कर से तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शन के पहले दिन दर्जनों आशा कार्यकर्ताओ ने सीएचसी पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अस्पताल के काम काज को प्रभावित किया। प्रदर्शन का नेतृत्व आशा कार्यकर्ता संघ के बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष सरिता राय कर रहे थे। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए कहा कि हमलोगों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार लंबी लड़ाई लड़ी। लेकिन सरकार ने सिर्फ हमलोगों को सिर्फ ठगने का ही काम किया है। विगत कुछ दिनों पूर्व हमलोगों ने आंदोलन किया जिसमें हमारे मानदेय एक हजार को बढ़ाकर तीन हजार कर दिया गया है।

जो हमलोगों को मंजूर नहीं है। उनकी मुख्य मांगों में समान काम के लिए समान वेतन, सरकारी कर्मचारी का दर्जा, और 26,000 रुपये का मासिक मानदेय शामिल है। उन्होंने कहा कि 2018 में उनकी मांगों को लेकर जो नोटिफिकेशन जारी किया गया था, उसे लागू किया जाए। सेवानिवृति उपरांत जो पेंशन दिए जाने का आश्वाशन दिया गया है। उस फैसले पर विभागीय मुहर लगे। उन्होंने कहा आशा कार्यकर्ताओ की उम्र सीमा को 65 साल किया जाए। उन्होंने कहा कि वे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं, लेकिन उन्हें उचित सम्मान और वेतन नहीं मिल रहा है। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे पिछले कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि अभी हमलोग तीन दिवसीय धरना देकर सरकार को चेतावनी दे रहे हैं। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो हमारा संगठन सभी आवश्यक कार्य को बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए बाध्य होगा। और कोई भी अप्रिय घटनाओं की जिम्मेदारी बिहार सरकार की होगी। धरना प्रदर्शन में आशा फेसिलेटर मीरा कुमारी, इंदिरा कुमार आशा कार्यकर्ता रानी राय,रूबी कुमारी,वंदना कुमारी, किरण देवी,कुमारी नीलम,सुधा कुमारी,बबीता कुमारी, मीरा देवी,अमिता कुमारी,रेखा कुमारी, रितु कुमारी,शशि कुमारी, गुलाबी कुमारी,रिंकू कुमारी समेत दर्जनों आशा कार्यकर्ता मौजूद थे।
बेगूसराय बछवाड़ा संवाददाता मनोज कुमार राहुल की रिपोर्ट