काश चिकित्सक होते तो बच सकती थी मजदूर ललीत की जान
डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय/वीरपुर-डबल इंजन की बिहार में सरकार है तभी तो लोग कहते हैं शुसाशन की सरकार में जंगल राज है । डबल इंजन फेल है।जी हां कुछ ऐसा ही देखने को मिला है बेगूसराय जिला अन्तर्गत वीरपुर पीएचसी में जहां डाक्टर डिप्यूटी से फरार से फरार रहा करते हैं। वहीं साटीफिकेट लाओं नौकरी पाओ एएनएम के भरोसे पर चल रही पीएचसी के काले कारनामे से रोगी मर जाएं तो किया आश्चर्य है।
ऐसा ही एक अकल्पनीय घटना वीरपुर पीएचसी में रविवार को देखने को मिला। जहां करेंट लगने से एक यूवक कि मौत हो जाती है और रेफर में मौजूद एएनएम के द्वारा लिख दी जाती है रेफर टु सदर अस्पताल बेगूसराय मार पीट।जिससे गुस्साए लोगों ने पीएचसी में जमकर हंगामा किया। हंगामा कर रहे लोगों में से मृतक के परीजनों ने बताया कि ललीत महतो जो मेरे चाचा हैं।वे खरौली वार्ड नं 8 के संजीव साह के घर में काम कर रहे थे। वहीं करेंट लगने से मौत हो गई। यहां लाया गया तो डाक्टर अपने डुयूटी से फरार थे।
मौजूद एएनएम ने रेफर करते हुए पुर्जा पर लिखी है रेफर टु सदर अस्पताल बेगूसराय मार पीट। जिससे उनका पोस्टमार्टम वहां करने से चिकित्सकों ने इन्कार कर दिया है। मृतक की पहचान वीरपुर पूर्वी पंचायत के वार्ड नं 4 के राम वली महतों के लगभग 40 वर्षीय पुत्र ललीत महतो के रूप में किया गया है। घटना की सूचना पर वीरपुर थाना अध्यक्ष संजीव कुमार दल बल के साथ पीएच में पहुंच मामले की तहकीकात करते हुए मुखिया प्रतिनिधि राम प्रवेश सिंह के सहयोग से आक्रोशित लोगों को घटना से संबंधित सही रेफर सटीफिकेट दिलाते हुए बरी मुश्किल से शांत करा पाए।
मौके पर पैक्स संघ के प्रखंड अध्यक्ष सुखराम महतों समेत दर्जनों लोग मौजूद थे।इस संबंध में मुखिया प्रतिनिधि राम प्रवेश सिंह ने सिविल सर्जन और जिला प्रशासन से वीरपुर पीएचसी का औचक निरीक्षण बराबर करते रहने और अपने डुयूटी से फरार चिकित्सकों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की मांग को करते हुए घना को घोर निंदनीय कृत्य कहा है।जब जिम्मेदारी से लोग भागते हैं तो ऐसा घटना घटना लाजमी है।
बेगूसराय वीरपुर संवाददाता गोपल्लव झा की रिपोर्ट