डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय-सर्व मंगला अध्यात्म योग विद्या पीठ सिद्धाश्रम सिमरिया धाम के तत्वाधान में आयोजित त्री दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में बुधवार को उद्घाटन भाषण देते हुए अपने उद्बोधन में वक्ताओं ने कहा कि सिंदूर सर्व सौभाग्य का प्रतीक है यह आदिकाल से प्रसिद्धि प्राप्त है यह पूर्णतः एवं वैज्ञानिकता से परिपूर्ण है के लिए भी उपयोगी रहा है । जैसे कुमकुम हमारे शरीर से नेगेटिव एनर्जी को बाहर कर पॉजिटिव एनर्जी को अंदर डालता है सिंदूर की सर्व व्यापकता सफल हुआ है । इस समारोह के मुख्य अतिथि अतिथि डॉक्टर सच्चिदानंद पाठक अपने उद्बोधन में कहा कि सिंदूर कलातीत है, यह सौभाग्य का सूर्योदय है, सनातन धर्म की तरह यह भी सनातन है ।

भारतीय परंपरा में यह सौभाग्यवती नारी का प्रमाण पत्र भी है। समारोह के मुख्य वक्ता लोकसभा टीवी के संपादक श्याम सहाय ने संबोधित करते हुए कहा कि सिंदूर सनातन संस्कृति का गौरव हाल है ।जो सनातन को मानव सभ्यता की सबसे बड़ी जीवन वैज्ञानिक पद्धति मानते हैं । सिंदूर उसका उत्कृष्ट प्रतीक है समारोह के सम्मानित अतिथि स्वामी गंगानन्द जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय सनातनी संस्कृति में सिंदूर शौर्य का प्रतीक है सिंदूर शक्ति का प्रतीक है भारतीय संस्कृति का स्वरूप है इसका भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण में बनाए रखने में अमूल्य योगदान है समझ में विषय प्रवेश करते हुए अवधेश झा ने कहा कि भारतीय संस्कृति और संस्कार में सिंदूर वर्ण गणेश गणतंत्र के देवता हैं
गणेश तत्व और हनुमान तत्व को जीवन में उतारने पर शुभ लाभ रिद्धि सिद्धि विघ्न विनाशक और बल पौरुष और मंगल कामना की पूर्ति होती है इसके पूर्व समझ में दीप प्रज्वलित करते हुए आगत अतिथियों के के द्वारा समारोह का शुभ उद्घाटन किया गया और सर्वमंगला परिवार के द्वारा सभी आगत अतिथियों का मिथिला परंपरा के अनुसार अंग वस्त्र पाग और पुष्प पक्ष देकर सम्मानित भी किया गया इस अवसर पर विद्यापीठ के सचिव दिनेश प्रसाद सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया आज के समझ में संस्थान के सचिव सुधीर चौधरी निर्देशक डॉक्टर विजय झा समेत अन्य मौजूद थे।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट