संस्कृत विद्यालयों के आधुनिकीकरण पर जोर सातदिवसीय शिविर का हुआ समापन
डीएनबी भारत डेस्क

दरभंगा। संस्कृत भारती बिहार प्रांत एवं राघवेन्द्र संस्कृत महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विस्तारको एवं प्रशिक्षणार्थियों के सप्तदिवसीय शिविर का सोमवार को समापन हो गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि संस्कृत शिक्षा बोर्ड, पटना के अध्यक्ष मृत्युंजय झा ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया जाएगा।
साथ ही डिजिटल माध्यमों से संस्कृत विद्यालय एवं उसमें संचालित होने वाले विषयों के गूढ रहस्यों का भी प्रचार प्रसार किया जाएगा। इससे बेशक विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ेगी तथा संस्कृत विद्या के प्रति वे उन्मुख होंगे। वहीं, महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 अनंत विभूषित स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज, तरेतपालीस्थान ने महाविद्यालय के विकास के लिए तन मन धन से सहयोग करने का आश्वासन दिया।
साथ ही ,मध्यमा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं को भी अन्य विद्यालय के तर्ज पर दस हजार प्रतिवर्ष प्रोत्साहन राशि देने की मांग उन्होंने की। इसके अलावा प्रत्येक जिले में संस्कृत के दो आदर्श विद्यालय बनाने की भी मांग की।
उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि विशिष्टातिथि संघटन मंत्री श्रवण कुमार, संस्कृत भारती ,बिहार ने उपस्थित संस्कृतानुरागियों को संबोधित करते हुए संस्कृत को जन भाषा बनाने की वकालत की तथा इसमें सन्निहित अति समृद्धि साहित्य से भी छात्रों को अवगत कराया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रधसनाचार्य डॉ. अनिल कुमार ईश्वर ने संस्कृत शिक्षा के विकास के लिए संस्कृत विद्यालयों में प्राथमिक इकाई चलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों में अभिरुचि जगेगी तथा छात्रों की संख्या में भी वृद्धि होगी। इस तरह संस्कृत अपने पुराने गौरव को प्राप्त करेगा।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वीणा शर्मा ने किया। कार्यक्रम में संस्कृत उच्च माध्यमिक विद्यालय पाली के प्रधानाचार्य समीर कुमार अपने सभी अध्यापक एवं छात्रों के साथ उपस्थित थे। मौके पर छात्रों द्वारा अनेक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए ।
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