सिमरिया औटा सिक्स लेन सड़क पुल का नामांकरण दिनकर सेतु हो- गिरिराज सिंह
दिनकर जी को भारत रत्न मिलना चाहिए – राजकुमार सिंह

डीएनबी भारत डेस्क
भारत की संस्कृति पौरुष और कर्म सिखाता है। छात्र जीवन में दिनकर को पढ़ा था देश के नामवर साहित्यकारों में थे दिनकर जी।आज उनकी जन्मस्थली आकर धन्य हो गया। उक्त बातें मंगलवार को सूबे बिहार के राज्यपाल मो आरिफ खान ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 117 वीं जयंती समारोह के दौरान दिनकर उच्च विद्यालय सिमरिया में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा दिनकर जी का जितना गध और उतना ही पध पर पकड़ था ।
वे साहित्य के सभ्य साची थे।उनकी रचनाओं में नया जोश,नयी प्रेरणा,देश के प्रति सबल भावना का संचार करता है । आगे उन्होंने कहा कि संसार विष से भरा है। साहित्य कविता व सज्जनों की संगति जो अमृत रुपी फल है। उन्होंने कहा भारत ज्ञान की संस्कृति का केंद्र रहा है। भारत की परंपरा में दिनकर जी महामानवों में एक है।पूरे भारत में दिनकर जी का नाम श्रद्धा से लिया जाता है। उनसे प्रेरणा ली जाती है। उन्होंने कहा हर मानव को प्रतिष्ठा का समान अधिकार हैं। वहीं केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि औटा सिमरिया सिक्स लेन पुल का नामकरण दिनकर सेतु हो।इस दिशा में राज्यपाल महोदय संबंधित विभाग को लिखे। उन्होंने कहा सिमरिया धाम दिनकर ग्राम के रूप में जाना जाएगा।
दिनकर दूर द्रष्टा नहीं भविष्य वेता थे। उन्होंने कहा मिथिला हाट की तर्ज पर सिमरिया धाम में 97 करोड़ की लागत से दिनकर हाट का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा आत्मनिर्भर भारत में हम संकल्प लें कि लोकल और भोकल समानों की खरीदारी करें।देश में बना समान का उपयोग करेंगे। 2047 तक दुनिया में भारत एक नया आर्थिक ऊंचाई पर होगा। उन्होंने कहा सिमरिया एक सिमरिया दो में विकास के कई कार्य किए जा रहे हैं। सिमरिया धाम में दिनकर हाट का मानचित्र लगाया जाएगा। उन्होंने कहा दिनकर की रचना को विद्यालय में फिर से पढ़ाई शुरू किया जाए। इसके लिए पहल की जाएगी। वहीं सचेतक सत्तारूढ़ दल सह मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह ने कहा कि दिनकर जी को भारत रत्न मिलना चाहिए। दिनकर भारत की सभ्यता के प्रतीक हैं।वे बेवाकी से अपनी बातों को रखतें थें।
इस अवसर पर एमएलसी सर्वेश कुमार ने कहा कि दिनकर समस्त मानवता के कवि थे। साहित्य को तकनीक से जोड़ा जाए।नयी संस्कृति का निर्माण करना है। राष्ट्रीयता की भावना का चित्रण दिनकर ने किया। वहीं बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार ने कहा कि दिनकर ने कहा कि जब सत्ता लड़खड़ाती है तो साहित्य उसको संभालता है। दिनकर हमारी पहचान है। जयंती समारोह की अध्यक्षता दिनकर समिति अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा ने किया। जबकि मंच संचालन राजेश कुमार ने किया।आगत अतिथियों ने दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्वलित किया। समारोह के शुभारंभ व अंत में राष्ट्रीय गीत गाया गया।इस अवसर पर आगत अतिथियों को दिनकर समिति के द्वारा अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
स्वागत गीत शिक्षक सुनील कुमार, अशोक पासवान एवं विद्यालय की छात्राओं ने दिनकर की रचनाओं को प्रस्तुत किया गया।इस दौरान महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी गई। इसके पूर्व राज्यपाल ने पंचायत भवन स्थित दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद दिनकर जी के आवास पर जाकर उनके पलंग, छड़ी, तस्वीर व अन्य सामाग्री का अवलोकन किया। उसके बाद पटना के लिए रवाना हुए। स्वागत भाषण कोषाध्यक्ष रामनाथ सिंह ने किया।इस दौरान सीडीपीओ प्रीति कुमारी व जीविका दीदी द्वारा चुनाव को लेकर रंगोली बनाई गई।जिसका अवलोकन राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सहित अन्य अतिथियों ने किया।इस दौरान राज्यपाल बच्चों व सामाजिक कार्यकर्ता से मिलें और विद्यालय परिसर में पौधरोपण किया।
इस अवसर पर डीएम तुषार सिंगला, एसपी मनीष, जदयू जिलाध्यक्ष रुदल राय, भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव वर्मा,पूर्व विधायक ललन कुंवर, सिविल सर्जन डा अशोक कुमार, डीआईओ डा गोपाल कुमार मिश्रा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बरौनी डा मनोज कुमार,डा नलिनी रंजन सिंह, विश्वरंजन सिंह राजू, ऋतिवक उदयन, जिला परिषद उपाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, सचिव प्रदीप कुमार, शंभू कुमार सिंह, ए के मनीष, प्रवीण प्रियदर्शी, विशंभर सिंहएवं संजीव फिरोज सहित अन्य समिति के सदस्य मौजूद थे।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट