वेतनमान में वृद्धि स्थायीकरण समेत 16 सूत्री मांगो को लेकर की गयी बैठक आयोजित,मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी
डीएनबी भारत डेस्क

नालंदा-तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के तीसरे दिन जिले के निजी सभागार में ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक, लेखापाल और सहायक कर्मियों ने एक बैठक आयोजित की। बैठक में कर्मियों ने सरकार से वेतनमान में वृद्धि, स्थायीत्व और सुरक्षा की गारंटी की मांग दोहराई।
कर्मियों का कहना है कि सरकार ने 1 जनवरी 2024 से ही कोर्ट में यह प्रस्तुत कर दिया था कि ग्रामीण आवास सहायक को 28 हजार रुपये, लेखापाल को 40 हजार रुपये और पर्यवेक्षक को 46 हजार रुपये वेतन देने का निर्णय लिया गया है। बावजूद इसके, 18 महीने बीत जाने के बाद भी उन्हें नए वेतनमान के अनुसार भुगतान नहीं किया जा रहा है।

कर्मियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाने को बाध्य होंगे। जिले के 20 प्रखंडों में 162 कर्मी कार्यरत हैं, जिनके हड़ताल पर जाने से कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। पूरे राज्य में यह संख्या करीब 5,500 है। इस हड़ताल का सीधा असर प्रधानमंत्री आवास योजना सीएम आवास योजना एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओ पर सीधा असर पड़ा है।
निर्माण कार्य ठप होने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मियों ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द मांगें नहीं मानीं तो आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें इसका राजनीतिक खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है।
डीएनबी भारत डेस्क