मतदान केंद्रों की मूलभूत सुविधाओं की समीक्षा और सुधार पर भी दिया गया विशेष जोर
डीएनबी भारत डेस्क

तेघड़ा, बेगूसराय। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 143 तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र के बरौनी प्रखंड अंतर्गत भाग संख्या 204 से 254 तक के मतदान केंद्र स्तरीय पदाधिकारियों (BLOs) को आज दिनांक 22 मई 2025 को विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। यह कार्यक्रम अनुमंडल पदाधिकारी, तेघड़ा एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी, तेघड़ा की उपस्थिति में आयोजित हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग की नीति “शक्तिशाली मतदाता, मजबूत लोकतंत्र” के अनुरूप आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदान केंद्र स्तर पर कार्यरत BLOs न केवल तकनीकी रूप से दक्ष हों, बल्कि पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करें।
एवं आगामी चुनावों के दौरान मतदान प्रक्रिया को सुव्यवस्थित, पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाना है। BLOs को उनके कर्तव्यों, तकनीकी प्रक्रियाओं और मतदाता सूची अद्यतन से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।
प्रमुख निर्देशों में शामिल थे:-
योग्य मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में अवश्य जोड़े जाएं। 80 वर्ष से अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों की पृथक सूची तैयार की जाए। दिव्यांग (PwD) मतदाताओं की पहचान कर उनकी सूची बनाई जाए।
इन सूचियों के आधार पर निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष सुविधाएं और आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
मतदान केंद्रों की समीक्षा पर विशेष बल:-
प्रशिक्षण के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी, तेघड़ा ने यह भी निर्देशित किया कि सभी मतदान केंद्रों की अवस्थिति और मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का मूल्यांकन किया जाए। इसके अंतर्गत प्रत्येक केंद्र पर बिजली, पेयजल, फर्नीचर, शौचालय, रैंप (PwD मतदाताओं हेतु), प्रकाश व्यवस्था जैसी आवश्यकताओं की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार की जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां भी इन सुविधाओं की कमी है, वहां त्वरित रूप से रिपोर्ट तैयार कर जिला निर्वाचन कार्यालय को प्रेषित किया जाए, ताकि समय रहते सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित हो सके।
सभी संबंधित मतदान केंद्र स्तरीय पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर आवश्यक सार्वजनिक संसाधनों की स्थिति को संधारित करें ताकि चुनाव के दौरान मतदाताओं और कर्मियों को कोई असुविधा न हो।
प्रखंड विकास पदाधिकारी, तेघड़ा ने कहा:-
“BLOs केवल मतदाता सूची के संरक्षक नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव के रक्षक भी हैं। आपकी सजगता, पारदर्शिता और सक्रियता से ही क्षेत्र में शांतिपूर्ण एवं भरोसेमंद चुनाव संभव है।”
यह प्रशिक्षण न केवल BLOs की कार्यकुशलता को बढ़ाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन जमीनी स्तर पर हर पहलू को मजबूती से संभालने हेतु प्रतिबद्ध हैं। मतदान केंद्रों की मूलभूत आवश्यकताओं की समय पर पूर्ति और BLOs की दक्षता—दोनों मिलकर आने वाले चुनावों को सफल, निष्पक्ष और प्रभावी बनाएंगे।
डीएनबी भारत डेस्क