हर बार चुनाव में ग्रामीण करते थे वोट बहिष्कार, कई बार गर्भवती महिलाएं गंवा चुकी हैं जान, नदी पर पूल बन जाने से दिल्ली कोलकाता हाइवे,पीएचसी और रेलवे की दूरी महज 2 किलोमीटर
नदी में पानी के बीच से होकर नदी पार करते हैं ग्रामीण, बना रहता है जान का खतरा, ग्रामीण कार्य विभाग के एसडीओ और जेईई ने किया स्थल निरीक्षण, ग्रामीणों में खुशी

डीएनबी भारत डेस्क
दुघरा गांव के समीप आकर मिलती है सूअरा और दुर्गावती नदी अब शायद किसी गर्भवती महिला की जान नहीं जाएगी, कोई बच्चा बेहतर शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा, और ना ही किसी बुजुर्ग को इलाज का अभाव होगा क्योंकि नदी पर पुल बनाने को लेकर विभाग ने आज स्थल निरीक्षण किया जिसके बाद ग्रामीणों में काफी खुशी देखी गई 40 से 45 डिग्री तापमान के बीच गांव की बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे धूप में खड़े हुए दिखे कैमूर जिले के रामगढ़ विधानसभा के मानिकपुर दूघरा गांव के लोग पिछले कई सालों से दुर्गावती नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं
नदी पर पुल न होने के कारण 12 से 15 किलोमीटर का रास्ता तय का गर्भवती महिलाएं इलाज के लिए, बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं बरसात के दिनों में नदी में बाढ़ आने के कारण पानी के बहाव तेज होने के बाद भी पहले लोग खाट पर मरीज को रखकर इलाज के लिए अस्पताल जाते थे अब जबकि पुल के निर्माण के लिए संबंधित अधिकारी जैसे ही स्थल निरीक्षण करने के लिए पहुंचे ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना न था।

जैसे ही ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी पुल बनाने के लिए स्थल निरीक्षण करने के लिए पहुंचे ग्रामीण खुशी से नदी में पानी के बीच होते हुए दूसरे सिरे तक पहुंचे अरविंद सिंह ने बताया कि नदी पर पुल बन जाने से 12 से 15 किलोमीटर की दूरी तय करने के बजाय महज 2 किलोमीटर की दूरी तय कर ही अपने गंतव्य स्थान तक लोग पहुंच सकते हैं।
स्थल पर पहुंचे सहायक अभियंता अद्वित दुघरा मानिकपुर में सुवरा नदी और दुर्गावती नदी मिल रहा है उस पर पुल का डिमांड था स्थल निरीक्षण करने के लिए आए हैं चेकलिस्ट जा रहा है काम होने में कुछ समय लगेगा लेकिन हो जाएगा।
कैमूर संवाददाता देवब्रत तिवारी की रिपोर्ट