बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को इसमें मध्यस्थता की
डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय में बिहट नगर परिषद कार्यालय में उस वक्त अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया जब मुख्य पार्षद तथा उप मुख्य पार्षद के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। हंगामा इतना बढ़ गया कि बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को इसमें मध्यस्थता करनी पड़ी। तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ। गौरतलब है कि बिहट नगर परिषद में ई-रिक्शा एवं ऑटो चालकों ने शिकायत की थी कि उन्हें कोई व्यवस्था नहीं दी गई है बावजूद इसके नगर परिषद के द्वारा उनसे टैक्स के रूप में वसूली की जा रही है ।
इससे पूर्व बताया जा रहा था कि एक करोड़ 37 लाख रुपए में टेंडर की गई है जिसमें की जीरो माइल गोलंबर से लेकर सिमरिया तक एवं बिहट नगर परिषद के अन्य क्षेत्रों में जगह-जगह रिक्शा पड़ाव बनाने की बात कही गई थी । लेकिन सर्वसम्मति से पारित इस प्रस्ताव पर भी पार्षद के द्वारा अपनी अनभिज्ञता बताई गई वहीं उपमुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार ने कहा की बैठक में मुख्य पार्षद का दस्तखत मौजूद है और उनके हस्ताक्षर के बाद ही योजना पारित की गई थी। जबकि इस मामले में उपमुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार का आरोप है कि उनके बिना मौजूदगी में ही यह फैसला लिया गया था और बाद में उनके नाम को भी घसीटा गया।

धीरे-धीरे विवाद बढ़ता चला गया। एक तरफ जहां ई-रिक्शा एवं ऑटो चालकों के द्वारा प्रोटेस्ट किया जा रहा था तो वहीं बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह के समक्ष भी उक्त मामले को लाया गया । तत्पश्चात गिरिराज सिंह ने इस बीच में मध्यस्थता की और मामले को शांत कराया। फिलहाल सर्व सम्मति से ई-रिक्शा एवं ऑटो चालकों से वसूली को स्थगित किया गया है तथा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि उचित व्यवस्था के बाद ही शुल्क लिया जाए।
डीएनबी भारत डेस्क