दानेदार रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति और मित्र कीट धीरे धीरे खत्म होते जा रहे हैं – अवधेश प्रसाद सिंह

DNB Bharat Desk

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दानेदार रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति और मित्र कीट धीरे धीरे खत्म होते जा रहे हैं उक्त बाते राज्य के प्रतिष्ठित कृषि विशेषज्ञ श्री अवधेश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को बछवाड़ा प्रखंड के गोविंदपुर तीन पंचायत एन एच 28 स्थित निजी में होटल में इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर को ऑपरेटिव लिमिटेड बेगूसराय द्वारा सहकारी संस्था इफको के अनुमंडल स्तरीय खाद विक्रेता के लिए आयोजित एक दिवसीय बिक्री कार्मिक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा उन्होंने कहा कि इफको विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था हैं। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी सहित विभिन्न प्रकार के लिक्विड उत्पादों के प्रयोग करने से खेतों की उर्वरा शक्ति में अत्यधिक प्रभाव नहीं डालता है।

दानेदार रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति और मित्र कीट धीरे धीरे खत्म होते जा रहे हैं - अवधेश प्रसाद सिंह 2हमे किसानों के बीच नैनो यूरिया, डीएपी और विभिन्न लिक्विड उर्वरक के प्रयोग की जानकारी देने की आवश्यकता है, जिससे किसान अपने फसल में उपयोग कर लाभ प्राप्त कर सकें। जिससे अन्य किसानों का इसके प्रति झुकाव होगा। आज हमारे दुकानदार और बिस्कोमान के द्वारा खाद की बोरी के साथ नैनो यूरिया लेने के लिए बाध्य किया जाता हैं जबकि हमें उन्हें इसके लिए जागरूक करना चाहिए। किसानों में जब तक जागरूकता नहीं आती तब नैनो यूरिया का सही से उपयोग नहीं होगा और इसका लाभ किसानों नहीं मिलेगा।उन्होंने कहा कि की खेतों की मिट्टी में जिसकी कमी होती है वह फसल में दिखेगा और फसल में जिसकी कमी होगी वह उपज में दिखेगा। उन्होंने कहा कि हम ज्यादा उपज लेने के लिए ज्यादा रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं परन्तु उसके कारण हमें गंभीर बीमारी का भी खतरा रहता हैं। पंद्रह सौ एस्क्वायर फिट में लगभग तीन से चार हजार मित्र जीवाणु होते है जो हमारे फसल में हानिकारक तत्व को समाप्त करता है परन्तु रासायनिक खाद के ज्यादा उपयोग से वह मरते जा रहे और हम गंभीर बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं।

दानेदार रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति और मित्र कीट धीरे धीरे खत्म होते जा रहे हैं - अवधेश प्रसाद सिंह 3प्रशिक्षण कार्यक्रम को इफ़को निदेशक प्रेमचंद्र मुंशी,कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह इफ़को राज्य प्रबंधक एके पालीवाल प्रबंधक राजीव लोचन एवं स्थानीय पदाधिकारी मोहित झा ने विक्रेताओं से कहा कि आप लोग भी किसानों को जबरदस्ती इस उत्पाद की बिक्री ना करें उन्होंने अच्छे से इस उत्पाद के बारे में जानकारी दी और उपयोग की विधि बताए। उपयोग के बाद भी अगर किसान शिकायत करते हैं तो उनकी बात को पहले सुने फिर कारण जाने और उसके बाद अच्छी तरह उनको जानकारी दे। उन्होंने कहा कि कुछ किसान कहते हैं कि दुकानदार ने कहा कि नैनो यूरिया को यूरिया या डीएपी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। लिक्विड कोई भी उत्पाद मिट्टी में फायदा नहीं होता है। इसका उपयोग हमें फसल के घना होने पर छिड़काव के माध्यम से करना चाहिए। अन्य सामग्री से अगर छिड़काव सही से कर सकते तो कीजिए नहीं तो ड्रोन से इसका छिड़काव करना चाहिए।

दानेदार रासायनिक खाद के अत्यधिक उपयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति और मित्र कीट धीरे धीरे खत्म होते जा रहे हैं - अवधेश प्रसाद सिंह 4अपलोग के एक फोन से दो से तीन घंटे में आपके पास होगी मात्र 300 रुपए प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करके चले जाएंगे। इसको लेकर ड्रोन का संचालन करने वाले कर्मी का मोबाइल नंबर 9717100661 भी जारी किए। उन्होंने कहा कि किसान कहते है कि दानेदार यूरिया देने से फसल हरा रहता हैं। उन्हें जानकारी होना चाहिए कि फसल को क्षति पहुंचाने वाले कीड़े ज्यादा हरे फसल को ही प्रभावित करते हैं। नैनो यूरिया के छिड़काव से पत्ते एवं तने में पोषक तत्त्व मिलते हैं लेकिन पत्ते हरे नहीं होते है जिस कारण हानिकारक कीट का प्रभाव नहीं पड़ता हैं। किसानों को नैनो का प्रयोग फसल के घना होने पर करे जिससे सभी तत्व उसके पत्ते पर पर सके जमीन पर उसका कोई फायदा नहीं होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बछवाड़ा व्यापार मंडल अध्यक्ष शशिशेखर राय ने कहा कि किसानों के खेत की मिट्टी जांच बहुत जरूरी है इससे किसानो को जानकारी प्राप्त होगी की किस खेत में कौन से उर्वरक की जरूरत है, और कौन से उर्वरक डालने से अच्छी फसल का पैदावार होगा।

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इफको के वरीय अधिकारी ने किसानों के मिट्टी जांच का अश्वासन दिया । जिसमें एक फीट गढ्ढा कर खेत के प्रत्येक कोने व बीच से पांच जगहों से मिट्टी लेना है और सबको आपस में मिलाकर आधे से अधिक मिट्टी को हटा देना है और जो मिट्टी बच गया उसे पन्नी में पैक कर किसान का नाम व पंचायत या गांव प्लांट संख्या के साथ रखें । किसानों की संख्या कम से कम 120 होनी चाहिए। जांच कर रिपोर्ट दिया जाएगा। प्रति माह एक राज्य से चार किसानों को प्रशिक्षण के लिए सारी सुविधा के उत्तर प्रदेश के फूलपुर में दिया जाएगा। विक्रेता किसानों की सूची अपने क्षेत्रीय पदाधिकारी को देंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सतेंद्र शर्मा सचिव एआईडीए बेगूसराय एवं संजीव कुमार अनुमंडल अध्यक्ष समेत विक्रेता एवं प्रगतिशील किसान ने भी भाग लिया।

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