केन्द्रीय वस्त्र मंत्री सह स्थानीय सांसद गिरीराज सिंह ने दूरभाष पर बात कर परिजनों को सांत्वना दिया
शहीद सुजीत 24 वर्षों तक मां भारती के सपूत बनकर देश का सेवा किया

शहीद सुजीत अमर रहे के लगे गगनभेदी नारे
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय/बीहट-जम्मू-कश्मीर में बस हादसे में शहीद हुए जेसीओ बेगूसराय के मिट्टी के लाल बरौनी प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत अमरपुर गांव बीचला टोर वार्ड नंबर -08 ,निवासी झपस राय के 40 पुत्र जेसीओ सुजीत कुमार के स्वजनों से मिलकर सांत्वना देने सोमवार के अल सुबह करीब सात बजे ही बिहार सरकार के खेलमंत्री सुरेन्द्र मेहता, डीएम बेगूसराय तुषार सिंगला, एसपी बेगूसराय मनीष, मेयर बेगूसराय पिंकी देवी, जदयू जिलाध्यक्ष रुदल राय, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव वर्मा, पूर्व मेयर संजय कुमार, डीडीसी सोमेश बहादुर माथुर, मुख्य पार्षद नगर परिषद बीहट बबीता देवी,बीस सूत्री अध्यक्ष बरौनी शंभू कुमार सिंह,भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, केशव शांडिल्य, क्रिकेट संघ जिलाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार विरेश ,पूर्व जीप सदस्य श्रीराम राय , थानाध्यक्ष चकिया थाना नीरज कुमार चौधरी सहित अन्य ने शोक-संतप्त परिवार को सांत्वना दिया।
वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय वस्त्र मंत्री सह स्थानीय सांसद गिरीराज सिंह ने दूरभाष पर बात कर स्वजनों को सांत्वना दिया और कहे शोक की इस घड़ी में हम शहीद परिवार के साथ खड़ा हैं। वहीं इस मौके पर शहीद सुजीत कुमार की पत्नी सिंधु कुमारी, पिता झपस राय, माता शांति देवी, भाई संजीत कुमार, गिरीश कुमार, रोशन कुमार, पुत्री सोनम कुमारी, संध्या कुमारी, पुत्र किंशू कुमार , ग्रामीण अभय कुमार , चन्दन कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे । विदित हो कि 40 वर्षीय पुत्र जेसीओ आर्मी सुजीत कुमार रविवार के दिन जम्मू कश्मीर के रामबन में शहीद हो गए। जानकारी के अनुसार आर्मी में जेसीओ के पद पर कार्यरत सुजीत कुमार अपने तीन साथी जवानों के साथ जिप्सी गाड़ी से जम्मू कश्मीर स्थित एनएच 44 पर रामबन की ओर यात्रा कर रह थे। इसी क्रम में रामबाण के पास उनकी गाड़ी संतुलन खोकर 700 फीट गहरी खाई में गिर गयी।
जिसके कारण उनकी मौत हो गयी। जानकारी के अनुसार शहीद सुजीत 15 दिन पहले ही अपने गांव आए थे। वह घर बनाने की इच्छुक थे लेकिन गुप्ता बांध सड़क के संभावित चौड़ी करण के कारण वे जल्दी से अपनी ड्यूटी पर लौट गए। शहीद सुजीत के बचपन के मित्र नवल किशोर राय ने बताया की 1998 में बारो उच्च विद्यालय से उसने मैट्रिक की परीक्षा और वर्ष 2000 में एपीएसएम कॉलेज बरौनी से इंटर की परीक्षा पास की। बीए में एडमिशन होते ही सुजीत को आर्मी में नौकरी लग गयी इसके बाद से वह अब तक देश सेवा में लगा था। वह 24 वर्षों तक मां भारती के सपूत बनकर सेवा किया। स्वजनों से मिली जानकारी अनुसार उसका शादी बेगूसराय प्रखण्ड के लाखो गांव के सिंधु कुमारी के साथ हुई थी।
शहीद सुजीत को दो लड़की और एक लड़का है। हाल ही में सुजीत की बड़ी बेटी संध्या ने सेंट जूडस विद्यालय में 12वीं की परीक्षा में टॉप किया था। वह फिलहाल एनडीए की तैयारी कर रही है। जबकि छोटी बेटी सोनम और बेटा प्रिंस अभी बेगूसराय में पढ़ाई ही कर रहा है। वहीं ग्रामीण चिरंजीवी और विशाल कुमार कहते हैं की शहीद सुजीत चार भाई थे जिसमें बड़ा भाई संजीत कुमार रेलवे में वही दो भाई गिरीश और रोशन अभी पढ़ाई कर रहे हैं। स्थानीय युवा राहुल कहते हैं कि उनका प्रार्थिव शरीर मंगलवार को गांव पहुंचेगा, जिसके बाद राष्ट्रीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहीद के परिजनों से मिलने पहुंचे जनप्रतिनिधि
शहीद के परिजनों से मिलकर विधायक रामरतन सिंह, बेगूसराय की पूर्व विधायक अमिता भूषण, भाजपा कार्यकर्ता, शुभम कुमार, एटक जिला महासचिव प्रह्लाद सिंह सहित दर्जनों जनप्रतिनिधियों ने भी शहीद सुजीत के परिजनों से मिलकर सांत्वना दी।

मंगलवार के दिन शव पहुंचने की संभावना
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की देर शाम तक शहीद सुजीत का पार्थिव शरीर उधमपुर से पठानकोट और फिर उसके बाद अमृतसर लाया जाएगा। जिसके बाद दानापुर से गांव अमरपुर लाया जाएगा। इधर ग्रामीणों के अनुसार सिमरिया पुल पर ही शहीद सुजीत के पार्थिव शरीर की अगुआनी करते हुए मल्हीपुर सिमरिया के रास्ते अमरपुर लाया जाएगा। जहां गांव में भ्रमण कराते हुए सिमरिया घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट