जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा नीतीश की पहल, केंद्र की मुहर,जाति जनगणना पर विपक्ष-सरकार आमने-सामने
डीएनबी भारत डेस्क

नालंदा-बिहार में जाति जनगणना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। दिल्ली से लेकर पटना तक तमाम दल इस मुद्दे पर क्रेडिट लेने की होड़ में जुटे हैं। दरअसल, केंद्र सरकार की हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी। बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव भी संभावित हैं, ऐसे में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से काफी अहम हो गया है।
नालंदा से जदयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने जाति जनगणना को लेकर कहा कि इसकी पहल सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी। उन्होंने कहा जातीय जनगणना से किसी को कोई नुकसान नहीं है, बल्कि इससे लोगों को योजनाओं का लाभ मिलेगा और सरकार को नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। जब हम (कुत्ते बिल्ली शेर)पशु-पक्षियों की भी गिनती करते हैं, तो इंसानों की जातिगत जानकारी जुटाना जरूरी क्यों नहीं?वहीं विपक्ष पर निशाना साधते हुए कौशलेंद्र कुमार ने कहा विपक्ष कभी नहीं चाहता था कि बिहार में जाति जनगणना हो।
जब लालू यादव और राबड़ी देवी यूपीए सरकार में थे, तब उन्होंने इस पर कोई प्रस्ताव क्यों नहीं लाया? उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए ने लगातार लोकसभा और राज्यसभा में जाति जनगणना को लेकर आवाज उठाई है।जदयू सांसद ने कहा कि अब जब केंद्र ने इसे मंजूरी दे दी है, तो विपक्ष इस मुद्दे पर श्रेय लेने की होड़ में लगा हुआ है, क्योंकि उनके पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है।
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